ग्वालियर। ग्वालियर अंचल में खनन माफिया इस हद तक बेखौफ है कि मुख्यमंत्री की सख्ती और प्रशासन का कड़ा एक्शन होने के बाद भी अवैध खनन ओर उसके परिवहन का काम लगातार जारी है। कारण साफ है कि माइनिंग विभाग में स्टाफ की कमी होना ओर खनन माफियाओं को स्थानीय नेताओं का संरक्षण मिल रहा है।
मध्यप्रदेश में खनन माफियाओं के खिलाफ 270 से अधिक मामले अकेले ग्वालियर जिले में ही दर्ज किए गए हैं, जिससे समझा जा सकता है कि खनन माफियाओं के हौंसले किस कदर बुलंद हैं। दो दिन पहले ही ग्वालियर जिले में खनन करके शहर में परिवहन करके लाई जा रही अवैध गिट्टी की एक ट्रैक्टर ट्राली को एसडीएम ने रोका था। सरकारी अधिकारी कुछ कार्रवाई करते, उससे पहले ही अवैध गिट्टी का परिवहन कर रहे खनन माफिया और उसके गुर्गे एसडीएम के गनर को धकियाते हुए ट्रैक्टर ट्राली लेकर फरार हो गए। हालांकि पहले की तरह ही इस मामले में भी थाना हस्तिनापुर पुलिस ने शिकायत पर चार खनन माफियाओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए खास अभियान भी चलाया था ओर इस अभियान में 270 से अधिक मामले भी दर्ज किए गए थे। परंतु खनन माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने से ये कारोबार अब भी जारी है। जिले के माइनिंग अफसर भी मानते हैं कि कार्रवाई निरंतर की जा रही है। कभी-कभी पुलिस का भी सहयोग मिलता है लेकिन स्टाफ की कमी होने के चलते कार्रवाई को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाते हैं। दूसरा बड़ा कारण भी स्पष्ट है कि अंचल के माननीयों का संरक्षण इन खनन माफिया को मिला हुआ है जिसके चलते बेखौफ होकर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा कर अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।