इंदौर. सम्पूर्ण प्रदेश के साथ-साथ इंदौर जिले में भी आज दस्तक अभियान के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया गया है. इस अभियान के दौरान विटामिन-ए अनुपूरण 9 माह से 5 वर्षीय समस्त बच्चों का किया जाएगा तथा एनीमिया फॉलोअप परीक्षण उन बच्चों का किया जाएगा जो दस्तक अभियान के प्रथम चरण में अल्प, मध्यम एवं गंभीर एनीमिक बच्चों के रुप में चिह्नित किए गए थे. ये सेवाएं वीएचएसएनडी/ यूएचएसएनडी के दौरान दी जाएगी.
जिले में आज दस्तक अभियान का शुभारंभ क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. शाजी जोसेफ तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एस. सैत्या ने विटामिन-ए अनुपूरण करके किया. दस्तक दल को हरी झंडी दिखाकर फील्ड में रवाना किया गया. इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद गुप्ता, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता, प्रभारी झोनल चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. शिवराज सिंह चौहान आदि उपस्थित थे.
54 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से ग्रस्त
एनएफएचएस-5 के अनुसार प्रदेश में 72.7 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से ग्रस्त हैं और प्रथम चरण की रिपोर्ट के अनुसार 54 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से ग्रस्त हैं, जिसमें से 0.4 प्रतिशत बच्चों में गंभीर एनीमिया है. इसका दुष्परिणाम यह है कि बच्चों में चिड़चिड़ापन, भूख में कमी, बच्चों का जल्दी थक जाना, सांस फूलना, आम बीमारी जैसे- सर्दी-खांसी, उल्टी, दस्त आदि बार-बार होना, उम्र के अनुसार शारीरिक एवं मानसिक विकास न होना, शरीर में सूजन आना जैसे लक्षण सम्मिलित हैं. 9 माह से 5 वर्षीय समस्त बच्चों को विटामिन-ए का अनुपूरण आयु अनुसार किया जाएगा.