सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची में रिलायंस की बादशाहत बरकरार

नयी दिल्ली 18 फरवरी (वार्ता) उद्योगपति मुकेश अंबानी की पेट्रोलियम समेत विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 17.5 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ देश की सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची में लगातार चौथे वर्ष बादशाहत बरकरार रखी है।
एक्सिस बैंक के प्राइवेट बैंकिंग बिजनेस बरगंडी प्राइवेट और हुरुन इंडिया की मंगलवार को जारी भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची के चौथे संस्करण ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप तीन सबसे मूल्यवान कंपनियों में 12 प्रतिशत की वृद्धि से 17.5 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसके बाद 30 प्रतिशत की वृद्धि से 16.1 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और 26 प्रतिशत की वृद्धि से 14.2 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ एचडीएफसी बैंक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार चौथे साल बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में शीर्ष स्थान पर अपनी बादशाहत जारी रखे हुए है। 17.5 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ, रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्य टीसीएस से कम से कम 1.9 लाख करोड़ रुपए अधिक है, जो सूची में दूसरे स्थान पर है।
सूची में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में 297 प्रतिशत की उल्लेखनीय वार्षिक मूल्य वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी के रूप में शीर्ष पर है। इसके बाद आईनॉक्स विंड और जेप्टो का स्थान है। दोनों ने वर्ष के दौरान अपने मूल्यांकन को लगभग तीन गुना कर दिया है।
पहली बार दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी भारती एयरटेल 9.74 लाख करोड़ रुपए के मूल्यांकन के साथ शीर्ष पांच में पहुंची, जो दो पायदान ऊपर चढ़ते हुए 75 प्रतिशत की वृद्धि है। सूची में पहली बार 4.7 लाख करोड़ रुपए के मूल्य वाले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने शीर्ष 10 में जगह बनाई है। एनएसई का मूल्य 201 प्रतिशत बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिसने एसआईआई को पीछे छोड़ दिया और भारत की सबसे मूल्यवान गैर-सूचीबद्ध कंपनी बन गई। वर्ष 2024 की सूची में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है, जो पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत कम है।
बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में शामिल स्टार्टअप्स ने सामूहिक रूप से 1,09,259 करोड़ रुपए की शुद्ध वृद्धि दर्ज की, जिसका नेतृत्व जेप्टो, ओयो और जीरोधा ने किया। गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में सबसे अधिक वृद्धि लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप जेप्टो (269 प्रतिशत), एनएसई (201 प्रतिशत) और फिजिक्सवाला (172 प्रतिशत) में हुई।
बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 कंपनियों में 84 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, जो पिछले साल की तुलना में 14 लाख अधिक हैं। औसतन प्रति कंपनी 21 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। 338 कंपनियों का मूल्य एक हजार करोड़ रुपए से अधिक बढ़ा जबकि 170 कंपनियों ने 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल की 94 कंपनियों से लगभग दोगुना है।
सूची में 39 प्रतिशत कंपनियां सेवाएं बेचती हैं जबकि 61 प्रतिशत भौतिक उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। 65 प्रतिशत कंपनियां सीधे उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करती हैं जबकि 35 प्रतिशत बी2बी स्पेस में काम करती हैं। सूची में 43 शहरों की कंपनियां शामिल हैं, जिनमें मुंबई (154), बेंगलूरु (44) और नई दिल्ली (37) सबसे आगे हैं। तीनों से कुल मिलाकर 235 कंपनियां हैं। हरियाणा पिछले साल से दो पायदान ऊपर आया है और सूची में पहली बार शीर्ष तीन राज्यों में जगह बनाने के लिए दिल्ली से आगे निकल गया है।
सेवा क्षेत्र वर्ष का सबसे बड़ा मूल्य निर्माता बनकर उभरा, जिसमें मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 297 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की। जेप्टो ने भी उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई, 179 स्थान से ऊपर चढ़कर 145 रैंक पर पहुंच गया। टाटा समूह की 15 कंपनियों की कुल वैल्यू 32 लाख करोड़ रुपए है, जो 500 शीर्ष कंपनियों के कुल मूल्य का 10 प्रतिशत है।
एक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ चौधरी ने लॉन्च पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बरगंडी प्राइवेट को एक बार फिर हुरुन इंडिया के साथ साझेदारी कर भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों का जश्न मनाने की खुशी है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ रिपोर्ट भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य का एक प्रभावशाली चित्रण है, जो अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस साल की सूची में शामिल कंपनियों ने नई रणनीतियों, नवाचार और बदलते हालातों के अनुसार खुद को ढालते हुए वृद्धि के अपार अवसरों का लाभ उठाया है और अपने-अपने उद्योगों में अग्रणी बनकर उभरी हैं। पहले से कहीं अधिक गतिशील पूंजी बाजार में इन कंपनियों ने दूरदृष्टि, लचीलापन और चुस्ती का प्रदर्शन कर अपने हितधारकों के लिए अत्यधिक मूल्य का सृजन किया है।”
हुरुन इंडिया के संस्थापक एवं मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की कंपनियां भारत के निजी क्षेत्र की रीढ़ हैं और देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालती हैं। इन कंपनियों की कुल वैल्यू 3.8 ट्रिलियन डॉलर है, जो भारत के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से भी अधिक है और ये 84 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई भारत की अर्थव्यवस्था के विकास को समझना चाहता है तो उसके लिए बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की सबसे मूल्यवान कंपनियों की कहानियों को जानना एक शानदार शुरुआत होगी।

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