यादव मुरैना में करेंगे पूर्व प्रधानमंत्री स्व वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण

मुरैना, 17 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कल मुरैना प्रवास पर आएंगे। वे यहां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री डॉ यादव वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य जायेंगे, जहाँ घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ेंगे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ यादव करह धाम आश्रम का भ्रमण कर वहां संचालित गतिविधियों का अवलोकन भी करेंगे। मुख्यमंत्री कल से वन्य-जीव पर्यटन को एक नया आयाम देने चंबल अभयारण्य का भ्रमण कर चंबल नदी के घड़ियाल अभयारण्य की व्यवस्थाओं का अवलोकन कर पर्यटन सुविधाओं का जायजा लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने मध्यप्रदेश को कई वरदान दिए हैं। सघन वन, वृक्षों की विविधता के साथ ही वन्य-प्राणियों की भी विविधता मध्यप्रदेश में देखने को मिलती है। वनों और वन्य-प्राणियों से मध्यप्रदेश की एक अलग पहचान बनी है। मध्यप्रदेश बाघ, तेंदुआ और घड़ियाल जैसे प्राणियों की सर्वाधिक संख्या वाला प्रदेश है। चीता पुनर्स्थापन करने वाला मध्यप्रदेश एक मात्र प्रदेश है।
डॉ यादव ने कहा कि देश में ही नहीं पूरे विश्व में सर्वाधिक घड़ियाल चंबल नदी में पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विश्व में लगभग तीन हजार घड़ियाल हैं, तो इनमें से 85 प्रतिशत चंबल नदी में हैं। करीब चार दशक पहले घड़ियालों की गणना का कार्य शुरू हुआ, जिससे घड़ियालों के इतनी बड़ी संख्या में चंबल में होने की जानकारियां सामने आईं। जनवरी और फरवरी महीने में अनुकूल तापमान का अनुभव कर घड़ियाल पानी से बाहर निकलते हैं और उस वक्त घड़ियालों और मगरमच्छों की गिनती आसानी से हो जाती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्य-जीव अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। पर्यटकों में यह चंबल बोट सफारी के नाम से प्रसिद्ध है। यह तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रयासों से एक प्रमुख संरक्षण परियोजना है। मध्यप्रदेश में वर्ष 1978 में इसे वन्य-जीव अभयारण्य के रूप में मान्यता दी गई थी। चंबल घड़ियाल वन्य-जीव अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य लुप्तप्राय घड़ियाल, लाल मुकुट वाले छत कछुए और लुप्तप्राय गांगेय डॉल्फिन को संरक्षित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभयारण्य लगभग साढ़े पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। पहाड़ियों और रेतीले समुद्र तटों की तरह चंबल नदी के तटों से यह धरती भरी हुई है। यह वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित है और इसका मुख्यालय मुरैना में है।

Next Post

पुलिस लाइन में गोली चलाने वाला संतरी निलंबित

Mon Feb 17 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email शहडोल, 17 फ़रवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के शहडोल पुलिस लाइन में गोली चलाने के मामले में एक संतरी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कल रात्रि पुलिस लाइन में अचानक गोली चलने लगी ,जिससे […]

You May Like

मनोरंजन