अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण पर 30 दिन में निर्णय लें

हाईकोर्ट ने आयुक्त लोक शिक्षण को दिया आदेश

आदेश का पालन नहीं तो दायर कर सकेंगे अवमानना याचिका

 

जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आयुक्त लोक शिक्षण को आदेश दिया है कि अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण पर 30 दिन में निर्णय लें। ऐसा न किए जाने पर अतिथि शिक्षण अवमानना याचिका दायर करने स्वतंत्र होंगे।

याचिकाकर्ता अतिथि शिक्षकों की ओर से दलील दी गई कि वे 10 वर्ष से अधिक अवधि से सेवाएं देते आ रहे हैं। इसलिए नियमितिकरण के हकदार हैं। इस सिलसिले में समय.समय पर अभ्यावेदन दिए गएए जिनका कोई नतीजा नहीं निकला। आंदोलन किए गए, इसके बावजूद ठोस कदम नहीं उठाया गया। महज आश्वासन का झुनझुना पकड़ाया गया। आपत्तिजनक बिंदु यह है कि मूल मांग पूरी करने के स्थान पर समय.समय पर भर्ती नियमों में परिवर्तन कर परेशान करने का तरीका अपनाया गया। इससे अनुभव व योग्यता दरकिनार हो गए। पहले से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को हटाकर नई नियुक्तियां करने की कवायद की गई। जिसके विरुद्ध याचिकाएं दायर हुईं। रोक लगी, लेकिन सरकार ने पहले डीएड.बीएड के साथ टीईटी उत्तीर्ण की शर्त अधिरोपित की और बाद में इसके साथ एक चयन परीक्षा और उत्तीर्ण करने का बोझ लाद दिया। इससे तंग आकर आयुक्त लोक शिक्षण को सूचना पत्र जारी किया गया। जिसका जवाब नदारद होने पर न्यायहित में हाई कोर्ट की शरण ली गई है।

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