बालिकाओं का भविष्य संवारन माता-पिता की जिम्मेदारी

बाल विवाह को प्रथा को लेकर कार्यशाला
इंदौर:बालिका देश का भविष्य है इस भविष्य को संवारना समाज की और माता-पिता की जिम्मेदारी है. कम उम्र में शादी कर बेटी का जीवन बर्बाद ना करें.यह बात संयुक्त कलेक्टर रोशनी वर्धमान ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एलएटीवी एजुकेशनल अकैडमी देव गुराडिया में आयोजित बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यशाला एवं शपथ समारोह में कही. विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों को पढ़ना और उनके भविष्य को संवारना हमारी जिम्मेदारी है. बेटी पढ़ेगी नहीं तो आगे कैसे बढ़ेगी.

उसके भविष्य के सपनों को संवारने का काम माता-पिता कर सकते हैं. खेलने कूदने पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनने की उम्र में बच्चों का विवाह करना कानूनन अपराध है. बाल विवाह विरोधी उड़न दस्ता कोर ग्रुप के महेंद्र पाठक ने उपस्थित सेवा प्रदाताओं अभिभावक और व्यापारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी एवं अधिनियम के तहत की जाने वाली कार्रवाई तथा बाल विवाह रोकथाम को लेकर किए जाने वाले प्रयास की जानकारी दी.
शपथ दिलाई
कार्यशाला को विद्यालय की प्राचार्य शुभा रंजन चटर्जी, संस्था अध्यक्ष अरुण अग्रवाल सचिन सतीश गुप्ता और उप प्राचार्य सारिका शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कोर ग्रुप के देवेंद्र कुमार पाठक, शैलेश शर्मा, राजस्व निरीक्षक कैलाश चौधरी, पटवारी विजय शर्मा, बालेश्वर चौधरी, शिक्षक रजत तिवारी, इमेनू अरम सोनी, भारत रैदास और विभाग के अविनाश यादव की उपस्थित थे. जिला कार्यक्रम अधिकारी बुधौलिया ने उपस्थित समुदाय को बाल विवाह रोकथाम को लेकर शपथ दिलाई. संचालन अजय दीक्षित ने किया एवं आभार सुनील पटेल ने माना.

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