इंदौर संभाग को देवड़ा और उज्जैन संभाग को खुद सीएम देखेंगे

सियासत

बंपर जीत के बावजूद भाजपा मालवा और निमाड़ अंचल पर लगातार फोकस करेगी. पार्टी ने प्रदेश स्तर पर समीक्षा की है और तय किया है कि उन मतदान केंद्रों पर अभी से फोकस किया जाएगा जहां विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव में पार्टी को हार मिली है. इसके अलावा पार्टी संभाग स्तर पर संगठन को मजबूत करने की व्यवस्था भी कर रही है. सूत्रों के अनुसार यह भी तय किया गया है कि संगठन और प्रशासन के मामले में संभाग स्तर पर इंदौर संभाग की जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, जबकि उज्जैन संभाग की जवाबदारी खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास रहेगी. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश स्तर पर भी सत्ता और संगठन के मामलों पर भी ध्यान देंगे. मध्य प्रदेश में भाजपा संगठन स्तर पर कोई कमजोरी नहीं रखना चाहती. सत्ता और संगठन में समन्वय हो इसके लिए विशेष सिस्टम तैयार किया जा रहा है. प्रदेश के सभी मंत्रियों को संगठन के कामकाज में दिलचस्पी लेनी होगी और नियमित रूप से जिला भाजपा कार्यालय में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद करना होगा.

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय के लिए मॉडल तैयार किया है. यह देश के दूसरे राज्यों में लागू हो गया है. अब इसे मध्य प्रदेश में भी लागू किया जाएगा. इसमें भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक मंत्री बैठेंगे. वे प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओं की बातों को सुनेंगे और उनको हल करेंगे. इसे सहयोग केंद्र मॉडल नाम दिया गया है. इसमें भाजपा के कैबिनेट मंत्रियों की सप्ताह में पांच दिन ड्यूटी लगाई जाएगी. उनके साथ संगठन का भी एक नेता साथ बैठेगा. ये सप्ताह में पांच दिन तीन घंटे कार्यालय में बैठेंगे. हालांकि अभी कब से शुरुआत होगी, मंत्री किस किस दिन और कितने समय बैठेंगे यह सब तय होना है. केंद्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच चर्चा हो चुकी है. इसे विधानसभा के मानसून सत्र के बाद लागू किया जा सकता है. लोकसभा चुनाव के फीडबैक में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों पर उनकी सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. इसके चलते कई जगह कार्यकर्ता प्रचार की जगह घर बैठ गए. इससे कई बूथों पर पार्टी को नुकसान हुआ. यह जानकारी शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची. इसके बाद सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाने के लिए इस सहयोग केंद्र को जल्द शुरू करने की बात कही गई है.

भाजपा अब कमजोर बूथों को जीतने के लिए विकास ओर टोली बैठक करके अपने आपको मजबूत करेगी. इसके लिए जिलों में विकास कार्यों के साथ ही संगठन के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठकों का आयोजन किया जाएगा. इसमें कार्यकर्ताओं के बताए कार्यों को प्राथमिकता से करने पर काम किया जाएगा. इसके लिए विधायका, सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण किया जाएगा, जिसमें जिला और राज्य के संगठन पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय प्रदेश में तीन मंत्रियों के पार्टी कार्यालय में बैठने को लेकर निर्णय लिया गया था. उस समय भी उनके कार्यकर्ताओं की समस्या सुनने की बात कहीं गई थी, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका. अब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसे लागू कराने को लेकर गंभीर है. भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह सहयोग केंद्र का मॉडल सत्ता और संगठन के बीच समन्वय के लिए बनाया गया है. यह कई राज्यों में लागू हो गया है. जल्द ही मध्य प्रदेश में भी लागू होगा

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