यहां अर्जी वाले गणेश जी पूरी करते हैं हर मनोकामना, श्रद्धालुओं का लगता है तांता

ग्वालियर। पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई है. यूं तो इस समय भगवान गणेश के हर मंदिर पर ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, क्योंकि भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता और विघ्नहर्ता माने जाते हैं. लेकिन ग्वालियर में प्राचीन गणेशजी अपने अलग ही अंदाज़ और भक्तों की मदद के लिए जाने जाते हैं. वर्षों पुराने इस मंदिर की मान्यता है कि जब सारे मैरिज ब्यूरो योग्य वर दिलवा पाने में असफल हो जाये या फिर थाने और कचहरी भी निरापद जिंदगी दे पाने में असफल हो जाये तो बस मुस्कराते हुए इन श्री गणेश जी के दरबार मे अर्जी लगाओ, काम बन जायेगा. यही वजह है कि यहां अर्जी लगाने देश भर से युवा, युवतियां, बुजुर्ग और अधेड़ हर उम्र के श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसीलिए इन्हें अर्जी वाले गणेश कहा जाता है. गणेशत्सव में अर्जी लगाने का खास महत्व है. इसलिए यहां जबरदस्त भीड़ रहती है.

*350 सौ वर्ष पुरानी है प्रतिमा*

शिंदे की छावनी स्थित एमएलबी रोड पर कांग्रेस कार्यालय के सामने विराजित अर्जी वाले श्रीगणेशजी की अदभुत प्रतिमा साढ़े तीन सौ साल पूर्व की बताई गई है. पंडित राजेन्द्र शर्मा बताते हैं कि यहां की प्रतिमा खास ही नहीं पूरे देश में अनोखी भी है. यहां गणेश जी सीधे मुस्कराते हुए हैं. वे यहां श्रीजी रिद्धी-सिद्धी के साथ विराजित हैं. रिद्धी-सिद्धी के साथ श्रीगणेशजी के दर्शन का विशेष महत्व है. गणेश जी के एक हाथ में वेद, दूसरे हाथ में शस्त्र है. तीसरे हाथ में माला व चौथी भुजा में कमल का फूल है. बप्पा की सूंड़ में तीन अंटे लगे हैं. इन्हें अर्जी वाले गणेशजी कहते हैं.

इस मंदिर के कर्ताधर्ता मुख्य पुजारी खंडेलवाल ने बताया कि मंदिर में अर्जी मांगने के लिए आने वाले श्रद्धालु नारियल के साथ एक पर्ची पर अपनी मन्नत लिखकर गणेशजी के श्रीचरणों में अर्पित करते हैं. मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु की हर मन्नत पूरी करने के साथ श्रीजी सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं. मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु छप्पन भोग के साथ भंडारा भी कराते हैं. प्रत्येक बुधवार को यहां दोपहर व रात को भंडारा होता है. श्रीजी यहां कांच के भव्य मंदिर में विराजमान हैं.

*देश मे बिरले हैं ये स्माइलिंग गणेश*

ग्वालियर के इस प्राचीन मंदिर में मौजूद यह प्रतिमा पूरे देश मे इकलौती और अनुपम है. ज्योतिष और मंत्र विद्या के जानकार पंडित आलोक पंड्या का कहना है कि यह प्रतिमा जाग्रत है और मुस्कराते हुए मस्ती व आल्हाद की मुद्रा में श्री जी के दर्शन का ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व है. कमजोर बुध के कारण जिनके भाग्य में रुकावट पैदा होती है. उनको मुस्कराते गणेश जी की पूजा और अर्चना करने सलाह दी जाती है. चूंकि देश में यह बिरली अति प्राचीन गणेश प्रतिमा है. इसलिए जानकार जरूरतमंद लोगों को यहां भेजते हैं. यहां हर बुधवार को अर्जी लगाने देश भर से लोग पहुंचते हैं.

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