इंदौर:स्वच्छता में सात बार नंबर वन शहर की सफाई व्यवस्था के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों से जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी इंदौर आ रहे हैं. इसी कड़ी में आज पुणे नगर निगम का दल आया. इस दौरान पुणे के दल ने टीडीपी , मेकेनाइज्ड टीआरएफ , बायो सीएनजी प्लांट, सीएनडी, सहित अन्य प्लांट का अवलोकन किया.आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा महाराष्ट्र के पुणे नगर निगम का 300 सदस्यीय दल ने आज प्रातःकाल राजशाही जीटीएस स्थल पर सौजन्य भेंट की. आयुक्त ने स्वच्छता के संबंध में बताया गया कि किस प्रकार इंदौर ने स्वच्छता अभियान को मिशन बना कर कार्य किया है. पूर्व में इंदौर में जगह-जगह कचरा पेटिया हुआ करती थी.
स्वच्छता अभियान के तहत कचरा पेटी से मुक्त कर शहर के चिंहित वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए. वाहनों की जीपीएस सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग की. शहर को ओडीएफ मुक्त किया. पहले गीला-सूखा कचरा संग्रहित किया जाता है, अब हर दिन 6 बिन की तर्ज पर 6 प्रकार का कचरा संग्रहित किया जा रहा है. थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियेां की जानकारी दी गई. महाराष्ट्र के पुणे नगर निगम का 300 सदस्यीय दल में पुणे निगमायुक्त राजेन्द्र भोंसले, विधायक, हेमंत रासने उपायुक्त, मुकादम सीएसआई, दरोगा सहित 300 सौ से ज्यादा सफाई मित्र उपस्थित थे.
कई प्लांट का अवलोकन किया
इस दौरान वेस्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत आज देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड स्थित 400 टीपीडी मेकेनाईज्ड एमआरएफ प्लांट, 550 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट, 100 टीपीडी सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, वेस्ट बायोमेडिटेशन साईट, डोर टू डोर कचरा संग्रहण, आईसीसीसी कमांड सेंटर, राजशाही जीटीएस सहित कई प्लांट का अवलोकन किया गया।
इंदौर देशभर में मिसाल
पुणे नगर निगम के आयुक्त राजेंद्र भोंसले और कस्बा विधानसभा सीट के विधायक हेमंत रासने ने कहा कि इंदौर स्वच्छता के मामले में देशभर में मिसाल बन चुका है. एक बार फिर अन्य शहरों के लिए प्रेरणा का केंद्र बना है. स्वच्छता में लगातार सात बार देश में पहला स्थान पाने वाले इस शहर की सफाई व्यवस्था को समझा, साथ ही पुणे नगर निगम में स्वच्छता अभियान किस प्रकार से कार्य करेगा? इसके लिए बडी संख्या में सफाई मित्र भी आए, जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से इंदौर के सफाई तंत्र को देखा. ताकि उक्त स्वच्छता मॉडल को पुणे में लागू किया जा सके