गुना :शासन की योजनाओ से लेकर शिक्षण संस्थाओ में हर पहलुओ का ’’आधार’’ कहलाने वाले आधार कार्ड अपडेट कराना आम व्यक्ति के लिये ही नही बल्कि स्कूली बच्चो के लिये मुसीबत और चुनौती बन चुका है। क्योकि आधार कार्ड की सामने आ रही अपडेट अव्यवस्था के बीच लाईन लगाकर खडे स्कूली बच्चो की हालत ने प्रशासनिक व्यवस्था पर ही नही बल्कि राजनैतिको पर भी सवाल खडे कर दिये है कि आखिर यह कैसी आधार व्यवस्था है जिसके चलते छोटे-छोटे स्कूली छात्रो को आधार कार्ड अपडेट कराने के लिये कडाके की सर्दी में आधार सेंटरो पर मशक्कत करना पड रहा है। हदे पार करने वाली इस व्यवस्था पर अब इसलिये सवाल उठ रहे है कि लगभग 70 प्रतिशत आधार कार्डो में नाम जाति से लेकर कई गलतिया होने के उपरांत भी आधार अपडेट नही हो पा रहे। प्रशासन की अनदेखी और बोट मागंने वाले नेता इस व्यवस्था को दुरूस्त कराने के लिये सामने नही आ रहे और छोटे स्कूली छात्रो को आधार सेंटरों की चौखट पर भटकना पड रहा है। जी हॉ…। ऐसे हालत जिले भर के अलावा राधौगढ डाक घर स्थित आधार सेंटर पर पिछले कई दिनो से सामने आ रहे है जहा आम नागरिको के आलावा स्कूली बच्चो को अपार आई डी के लिये आधार कार्डाे की गलतियो को अपडेट कराने के लिये कडाके की सर्दी के बीच प्रातः से लाईन में खडे होना पड रहा है। राधौगढ मुख्यालय पर संचालित लगभग 4 आधार सेंटर बंद होने के बाद डाक घर आधार सेंटर बनाया गया है जहा टोकन सिस्टम से चलने वाली इस प्रक्रिया में कभी सरबर डाउन की शिकायत के चलते लगभग 15-20 आधार कार्ड ही अपडेट हो पा रहे है और भीड सैकडो की देखी जा रही है तो उधर शिक्षण संस्थाओ में आधार कार्ड अपडेट कराने के लिये बच्चो पर दवाव सामने आ रहे है।
स्कूली बच्चो की सामने आ रही भीड में यह भी देखा जा रहा है आधार कार्डाे में नाम जाति के अलावा परिवार के नामो में गलतिया सामने आ रही है। जरूरत मंद लोग मजदूरी और काम छोडकर आधार सेंटर के चक्कर काट रहे है तो कई किसान को सम्मान निधी का लाभ नही मिलने से भडक रहे हैै। ऐसे हालातो के बीच जिंदगी के लिये ’’आधार’’ बने आधार कार्ड की गलतियो को ठीक कराना किसी चुनौती से कम नही है। माना जा रहा है जब आधार कार्ड जरूरी कर दिया है तो आधार सेंटर बनाने की जरूरत है। उधर मधुसुदनगढ बीनागंज कुभराज में भी ऐसे ही हालात बताये जा रहे है जहा सिस्टम से भटकती आधार व्यवस्था के फेर से परेशान लोग राधौगढ तक चक्कर काट रहे है परन्तु शासन और प्रशासन आधार संेटरो को चालू कराने की तरफ ध्यान नही दे पा रहे। हद तो इस बात कि है कि बडे रूप में सामने आई आधार अपडेट समस्या के समाघान के लिये उन पक्ष-विपक्ष के नेताओ को पहल करने के लिये जरूरत है जो चुनाव में वोट के राजनीति करते है। यह इसलिये कहना पड रहा है कि आधार कार्ड हर व्यक्ति की जिंदगी का आधार बन गया है।