औद्योगिक विकास के नये युग की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश: यादव

भोपाल, 06 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अपने रणनीतिक प्रयासों से औद्योगिक विकास के नए युग की ओर अग्रसर है। निवेशकों को अधिक प्रभावी अवसर देने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य के प्रमुख 6 सेक्टर्स पर केंद्रित समिट के आयोजन की महत्वपूर्ण पहल की जा रही है।

आधिकारिक जानकारी में डॉ यादव ने कहा कि यह पहली बार होगा जब हर सेक्टर के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और निवेशक एक मंच पर आकर विशेषज्ञ चर्चाओं, अवसरों और नीतिगत सुधारों पर संवाद करेंगे। इससे निवेश प्रक्रिया को अधिक सुगम, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की अद्वितीय भौगोलिक स्थिति, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन, विकसित बुनियादी ढांचा और उद्योग-अनुकूल नीतियां इसे निवेश के लिए देश का सबसे आकर्षक डेस्टिनेशन बनाती हैं। शहरी विकास, पर्यटन, माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, आईटी और एमएसएमई, ये सभी क्षेत्र अपनी असीमित संभावनाओं और अनुकूल वातावरण से निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न केवल देश का पहला डायमंड प्रोड्यूसिंग स्टेट है, बल्कि ग्रीन एनर्जी हब, विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र और उभरते हुए टेक्नोलॉजी हब के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। इन विभागीय समिट से सरकार निवेशकों को नीतिगत प्रोत्साहन, संसाधनों की उपलब्धता और औद्योगिक ईको सिस्टम की मजबूती से अवगत कराएगी। इससे जीआईएस में होने वाली चर्चाएं वास्तविक निवेश प्रस्तावों में तब्दील हो सकेंगी।

मध्यप्रदेश का शहरी बुनियादी ढांचा तेजी से सुदृढ़ हो रहा है। राज्य की स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट और लॉजिस्टिक्स हब इसे एक आदर्श रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश डेस्टिनेशन बना रहे हैं। जीआईएस में शहरी विकास समिट के माध्यम से स्मार्ट और सतत् शहरों के निर्माण पर केंद्रित चर्चा होगी, जिससे नवाचार और आधुनिक शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश को ‘भारत का दिल’ कहा जाता है और इसके धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौन्दर्य से पूर्ण पर्यटन क्षेत्र पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। खजुराहो, उज्जैन, साँची, पचमढ़ी, कान्हा और बांधवगढ़ जैसे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने के लिये तैयार हैं। पर्यटन समिट में हॉस्पिटैलिटी, थीम-बेस्ड डेस्टिनेशन और एडवेंचर टूरिज्म में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गहन चर्चा होगी।

मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। यह देश में डायमंड, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, कोयला, मैंगनीज और तांबे का प्रमुख उत्पादक है। पन्ना स्थित एशिया की एकमात्र डायमंड माइंस और विशाल कोयला भंडार राज्य को माइनिंग इंडस्ट्री के लिए एक आदर्श डेस्टिनेशन बनाते हैं। जीआईएस में माइनिंग समिट से खनन आधारित उद्योगों, मूल्यवर्धित प्र-संस्करण और नीतिगत प्रोत्साहनों पर चर्चा होगी।

मध्यप्रदेश ग्रीन एनर्जी हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। रीवा सोलर प्लांट, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और ग्रीन हाइड्रोजन में हो रहे विकास इसे नवकरणीय ऊर्जा निवेशकों के लिए एक प्रमुख केंद्र बना रहे हैं। जीआईएस में आयोजित रिन्यूएबल एनर्जी समिट में सौर, पवन और हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए ठोस रणनीतियां प्रस्तुत की जाएंगी।

मध्यप्रदेश अब टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का केंद्र बन रहा है। इंदौर आईटी हब, डेटा सेंटर पॉलिसी, स्टार्ट-अप ईको सिस्टम और उभरते एआई और साइबर सिक्योरिटी क्षेत्रों में तेजी से निवेश आ रहा है। जीआईएस में आईटी समिट के माध्यम से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आईटी पार्क और नई टेक्नोलॉजीज पर निवेश की संभावनाओं को रेखांकित किया जाएगा।

मध्यप्रदेश का एमएसएमई सेक्टर राज्य की आर्थिक रीढ़ है, जहां लाखों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम कार्यरत हैं। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना, नए क्लस्टर और निर्यात प्रोत्साहन नीतियां इसे निवेश के लिए एक डेस्टिनेशन बना रही हैं। एमएसएमई समिट में उद्योगों को वित्तीय सहयोग, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और नए बाजारों तक पहुंच को लेकर चर्चा होगी।

मध्यप्रदेश प्रवासी भारतीयों को प्रदेश के उद्योग, स्टार्ट-अप, पर्यटन, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया है। यह समिट न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा, बल्कि मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश प्रवासी भारतीय समिट का उद्देश्य विश्वभर में बसे मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों को एक मंच पर लाना और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के साथ ही मध्यप्रदेश के विकास में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। साथ ही समिट मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जुड़ने का महत्वपूर्ण अवसर भी मिलेगा।

इन विभागीय समिट से सरकार मध्यप्रदेश में निवेशकों को सुरक्षित, पारदर्शी और उद्योग-अनुकूल वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है। जीआईएस के इस नए स्वरूप से न केवल उद्योग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी सृजित होंगे। मध्यप्रदेश अब सिर्फ निवेश का केंद्र नहीं, बल्कि भारत के औद्योगिक भविष्य का निर्माण करने वाला प्रमुख राज्य बन रहा है।

 

 

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