जनकगंज थाना क्षेत्र के नई सड़क पर स्थित मैरिज हॉल शुजाबाद में देर रात उपेन्द्र सिंह की शादी थी। बारात जब मैरिज हॉल में पहुंची उस दौरान नेहा नाम की महिला ने थाने आकर शिकायत की कि उपेन्द्र ने उनसे शादी की है। अब चुपचाप दूसरी शादी करने जा रहा है। उसे रोको। नेहा की बात सुनकर पुलिस उसके साथ उपेन्द्र के विवाह कार्यक्रम में पहुंच गई। वहां माजरा दूसरा निकला। जिस तलाकशुदा पत्नी को पुलिस पीड़ित समझ रही थी। वह तो तलाक के बाद भी अपने पति की ज़िंदगी में खुशियों की शुरूआत देखने से दुखी थीं। मामला ऐसा था कि सुनकर थोड़ी देर के लिए तो पुलिस भी हैरान हो गई।
उपेन्द्र के परिजन ने पुलिस को बताया कि 25 नवंबर 2012 को उपेन्द्र की नेहा से शादी जरुर हुई थी। लेकिन 16 अक्टूबर 2024 को दोनों का तलाक कोर्ट से हो गया। सबूत के तौर पर परिजन कुटुब न्यायालय से तलाक के आदेश और वाद वहन करने के दस्तावेज साथ लाए थे। वह पुलिस को थमा दिए। इस आधार पर नेहा का आरोप बेबुनियाद साबित हुआ। जिसके बाद पुलिस महिला को वापस शादी समारोह में से ले जाकर थाने पहुंची। जंहा उसे समझाया कि अब कुछ नहीं हो सकता है। अगर उसने फिर से बवाल किया तो उसे ही हवालात में बैठाना पड़ेगा।