अपमान के बाद कार्यक्रम का सभापतियो ने किया सामूहिक बहिष्कार

गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम बना चर्चा का विषय
धनपुरी (शहडोल)गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगर पालिका धनपुरी के द्वारा स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक मंच में कार्यक्रम आयोजित करवाया गया था इस कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिकों को नगर पालिका धनपुरी के द्वारा आमंत्रित किया जाता है बड़ी संख्या में यहां लोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं ।26 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में नगर पालिका धनपुरी के कुछ सभापतियों का अपमान किया गया जिसकी वजह से सभापतियों ने एक साथ मंच छोड़ दिया मंच छोड़ने के बाद कुछ देर सड़क पर खड़े रहने के बाद सभापतियों और पार्षदों का यह जत्था राधा कृष्ण मंदिर के पीछे की ओर चला गया।

अपमान का घूंट पीने के बाद चाय की चुस्कियां ली गई और आगामी रूपरेखा भी तैयार की गई। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका धनपुरी के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बैठक व्यवस्था से सभापति और उनके पति नाराज थे। मंच पर सफाई विभाग के सभापति का नाम माल्यार्पण के लिए जब पुकारा गया तो उनके सीट छोड़कर जाते ही कांग्रेस से भाजपा में आये नेता कूद कर उनकी जगह पर बैठ गए इस बात को लेकर भी सफाई विभाग के सभापति के मन में काफी नाराजगी होने की जानकारी सामने आ रही है।

कार्यक्रम का जिस प्रकार से सभापतियों एवं पार्षदों ने एक साथ मंच छोड़कर बहिष्कार किया वह पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुका है और पीछे जाने पर यह बात भी निकल कर आई की फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान कुछ महिला कांग्रेसी पार्षदों को मांगने के बाद भी पीने के लिए पानी की बोतल नहीं दी जा रही थी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस वक्त महिला पार्षदों को कैसा लगा होगा। नगर पालिका धनपुरी में एक सोचे समझे एजेंडे के द्वारा कुछ सभापतियों का लगातार अपमान किया जा रहा है फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान महिला पार्षदों के पानी मांगने के बाद भी पानी नहीं देने का मामला जब परिषद की बैठक में उठाया गया तब अकाउंटेंट ने अपनी गलती मानकर सभी से माफी भी मांगी थी एक बार फिर से अकाउंटेंट के ऊपर सभापतियों की नाराजगी देखने एवं सुनने को मिल रही है। गणतंत्र दिवस के इतिहास में धनपुरी नगर में शायद यह पहली बार हुआ होगा जब पार्षद और सभापति इस प्रकार से नाराज होकर एक साथ मंच छोड़ दिए हो।
मुझ पर काफी प्रेशर है 
पार्षदों को फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान मांगने के बाद भी पानी नहीं देने के मामले में सफाई देते हुए बड़े बाबू यह कहते नजर आए थे कि मुझ पर बड़ा प्रेशर है टूर्नामेंट के दौरान चाय नाश्ते से लेकर भोजन पानी टेंट सभी का भार बड़े बाबू अपने नाजुक कंधे में उठा रहे थे जेब का वजन बढ़ाने के लिए कंधों पर जिम्मेदारियां की ओवरलोडिंग की गई थी। बड़े बाबू एक गारंटी देते फिरते हैं उनकी दी हुई गारंटी पर कुछ अधिकारी वर्तमान समय में आंख मूंद कर भरोसा कर रहे हैं।

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