कुसमी : किसानों के हित को देखते हुए सरकार द्वारा जिला सहकारी बैंक सीधी में बैंक की स्थापना की गई लेकिन यहां बैंक कर्मियों की मनमानी के चलते व्यवस्था पूरी तरह पटरी से बाहर हों गई है। मनमानी को लेकर आए दिन शिकायतें आ रही है लेकिन जिम्मेवार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।जिसका ताजा मामला कुसमी जिला सहकारी बैंक का सामने आया है। यहां पदस्थ प्रभारी शाखा प्रबंधक मोतीलाल रजक के अडिय़ल रवैए में कोई बदलाव नहीं आ रहा जिसका खामियाजा किसानों एवं उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब हो कि कुसमी विकासखण्ड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैए कहने के लिए सरकार इस विकासखंड को अन्य विकासखंडों की अपेक्षा ज्यादा सुविधा मुहैया उपलब्ध कराने का दावा करती है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यहां कुछ विभागों में पदस्थ सरकारी अमले की लापरवाही के चलते लोगों को मौलिक सुविधाओं का भी टोटा बना हुआ है। इन दिनों सबसे ज्यादा किसानों को सहकारी बैंक की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा हैं। जिसका प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि यहां पदस्थ प्रभारी शाखा प्रबंधक मोतीलाल रजक दोपहर 12 बजे के बाद बैंक आते हैं 2 बजते ही निकल लेते है। सूत्र बताते हैं कि श्री रजक समीपी ग्राम के हैं जो बैंक के काम में कम अपने निजी कार्य में ज्यादा व्यस्त रहते हैं।
बैंक की हालत अत्यंत दयनीय
कुसमी सहकारी बैंक में पदस्थ प्रभारी शाखा प्रबंधक मोतीलाल रजक के अक्खड़पन एवं अभद्र व्यवहार के चलते यहां से उपभोक्ता अपना खाता बंद कराकर अन्य बैंकों में चले गए हैं। सूत्रों की मानें तो यहां ज्यादातर पेंशन धारकों के ही खाते बचे हैं। जिसकी प्रमुख वजह यह बताई जा रही है कि अगर उपभोक्ता द्वारा किसी भी तरह के लोन की मांग की जाती हैं तो शाखा प्रबंधक द्वारा रिश्वत की मांग की जाती हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि बैंक से हम लोन ले रहें जिसकी हमें ब्याज सहित मूल धन वापसी करनी पड़ती हैं, इसके बाद भी हम रिश्वत दे। इससे बेहतर हम इस बैंक में अपना खाता ही नहीं रखेंगे।
बैंक की बैट्री का शाखा प्रबंधक के घर में उपयोग
बैंकिंग सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिला सहकारी बैंक कुसमी में इन्वर्टर बैट्री तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा क्रय किया गया था जिससे बिजली के अभाव में उपभोक्ताओं को अपने काम के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता था। लेकिन बैंक में लगे इनवर्टर बैट्री को मोतीलाल रजक प्रभारी शाखा प्रबंधक अपने घर उठा ले गए और ब्रांच में कंडम इनवर्टर बैट्री को लाकर रख दिया गया है। अब स्थिति यह है कि बिजली गुल हो जानें पर घंटों उपभोक्ताओं को बैठना पड़ रहा हैं। जिसकी जानकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को दी चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।