जबलपुर: शहर की सीमाओं से लगातार कई वर्षों से बहती आ रही नर्मदा की सहायक नदी कहे जाने वाली परियट नदी साबुन के समान झाग बनकर बहती हुई नजर आ रही है। इस नदी पर आस- पास के गांव के लोगों द्वारा गंदे अवशिष्ट फेंक दिए जाते है। जिसके कारण यह नदी का पानी नाले के जैसे दिखने लगा है। जिसके कारण पूरी नदी में कचरा इकट्ठा होता जाता है और फिर यही कचरा फिर नदी में शामिल होकर इसके प्रवाह को भी प्रभावित कर रहा है। जिससे परियट नदी एक नाले के स्वरूप में बह रही है। कई जगहों पर इसके दूषित पानी से बहुत गंदी बदबू आती है, जिससे यहां से निकलने वालो को काफी परेशानी होती है।
बघौड़ा के पास पानी बना झाग
बेलखाडू से अंदर बाघौड़ा गांव के पास बने परियट नदी के पुल से देखा जाए तो परियट नदी का पानी पूरी तरह से झाग बनता हुआ नजऱ आता है। इसके अलावा यहां से गुजरने पर नदी के पानी से बहुत गंदी दुर्गंध भी आती है। यहां आस-पास के गांव में रहने वाले लोग इससे बहुत परेशान रहते हैं। बल्कि यहां से रोजाना निकलने वाले राहगीर भी परियट नदी के पुल से गुजरते हैं तो बहुत ज्यादा गंदगी देखने को मिलती है और दुर्गंध से भी सामना करना पड़ता है।
कचरे के कारण थम गया है बहाव
परियट नदी में बह रहे अपशिष्ट पदार्थ और गंदगी के कारण पूरी नदी में कई जगह पर कचरा इकट्ठा होता जाता है, ओर एक जगह पर जाकर रुक जाता है। जिससे नदी का बहाव पूरी तरह से रुक गया है और पानी पूरी तरह से ठहर गया है। वहीं कुछ जगहों से जब पानी को निकलने की जगह मिलती है तो वह भी एक झाग बनकर बहता हुआ नजर आता है। इसके अलावा ठहरे हुए पानी से बहुत गंदी दुर्गंध के साथ मच्छर आदि भी पनप रहे हैं। जिसके कारण इस नदी का पूरी तरह से अस्तित्व खतरे में पड़ गया है और यह एक नाला के सामान बनकर रह जाएगी।