नयी दिल्ली, 09 जनवरी (वार्ता) राष्ट्रीय राजधानी में छह दिन चला राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ग्रामीण भारत महोत्सव गुरुवार को भारत मंडपम में एक जीवंत समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ।
नाबार्ड की आज जारी एक विज्ञप्ति में कहा, “छह दिवसीय महोत्सव ने एक सशक्त ग्रामीण भारत की कल्पना करने के लिए देश भर के हितधारकों को एक साथ लाया। इस कार्यक्रम ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ ग्रामीण परिवर्तन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।”
नाबार्ड ग्रामीण भारत महोत्सव के कार्यक्रमों की सफलता के बारे में विज्ञप्ति में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के हवाले से कहा, “ग्रामीण भारत महोत्सव 2025, देश के आर्थिक विकास और वैश्विक मंच पर हमारे देश की स्थिति में ग्रामीण भारत के बढ़ते अवसरों तथा गावों की भूमिका का सम्मान है।”
ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 के समापन समारोह के दौरान नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने कहा कि कार्यक्रम के छह दिनों में, किसान, कारीगर, उद्यमी और संस्थान एक अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ आए। महोत्सव ने जैविक खेती, सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण, जीआई-टैग किए गए उत्पादों और पूर्वोत्तर क्षेत्र की जीवंत विरासत में नवाचारों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “भारत का ग्रामीण क्षेत्र देश के आर्थिक भविष्य की आधारशिला है, और इसकी क्षमता को मुक्त अवसर देने के लिए अनुकूलित वित्तपोषण, मजबूत केवाईसी प्रक्रियाओं और किसानों, महिलाओं और वंचित समुदायों के साथ भागीदारी की आवश्यकता है। नाबार्ड वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देने, संसाधन जुटाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस आयोजन से ग्रामीण भारत में उद्यमशीलता की भावना, नवाचार और गांवों में दिखाई देने वाली सांस्कृतिक समृद्धि, जीआई-टैग वाले उत्पादों, प्राकृतिक खेती और स्वस्थ विकास को बढावा देने में योगदान कर रहे महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका और अधिक स्पष्ट हुई है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन 04 जनवरी को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उद्घाटन समारोह में श्रीमती सीतारमण, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री पंकज चौधरी उपस्थित थे ।
ग्रामीण भारत महोत्सव के पांचवें दिन कल उत्तर पूर्व भारत की आर्थिक क्षमता का जश्न मनाया गया, जिसमें उत्तर पूर्व के चंचल कुमार ने बुनियादी ढांचे के विकास, जैविक खेती और इको-पर्यटन पर चर्चा की अंतिम दिन पैनल चर्चा में ग्रामीण भारत के लिए वित्तपोषण के अवसरों की खोज की गई, जिसमें नवीन वित्तीय साधनों, निजी पूंजी के लिए निवेश को जोखिम मुक्त करने और छोटे उद्यमों के लिए स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
