जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने आदिवासी कल्याण विभाग को निर्देशित किया है कि 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ता से वसूली की गई राशि वापस करें। एकलपीठ ने कहा है कि निर्धारित समय में राशि वापस न करने पर छह प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।
याचिकाकर्ता डिंडौरी निवासी कोमल प्रसाद नामदेव की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता 2016 में असिस्टेंट ग्रेड-टू के पद से सेवानिवृत्त हुआ था। विभाग ने पूर्व में गलती से अतिरिक्त भुगतान का हवाला देकर सेवानिवृत्ति देयकों से एक लाख 49 हजार रुपये की रिकवरी कर ली। उन्होंने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने रफीक मसीह के मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सरकार की गलती से अतिरिक्त भुगतान की राशि सेवानिवृत्ति के बाद रिकवरी नहीं की जा सकती।