खंडवा: साल 2025 की नई सुबह का सबको नमस्कार। इस साल से सबको उम्मीदें हैं। सब जगह खुशहाली हो। हर फील्ड में देश तरक्की करे। सब तरफ शांति ही शांति रहे। इन्हीं अपेक्षाओं को लेकर लोगों ने अपने हिसाब से अपने अंदाज से तैयारियाँ भी की हैं। इस अनूठे उत्सव को मनाने का अंदाज भी सबका निराला है। तरीके भी सबके जुदा हैं।
अंग्रेजी नए साल को इसलिए भी यहां मनाने का प्रचलन है, क्योंकि हम अंग्रेजों के कुछ सदी गुलाम रहे हैं। उनकी छाप हम पर अब भी है। इसीलिए सब अपने ढंग से इस दिन को मनाने की जुगत करते दिखे। कोई नए वर्ष की शुरूआत आध्यात्मिक ढंग से करता है, तो कोई नया करने के संकल्प के साथ दिन की शुरूआत करता है। नए साल की पहली किरण के साथ यह खबर हाथ में होगी तब आप 2025 में जीवन की शुरूआत कर रहे होंगे। बीते साल में हमने क्या खोया? इस पर चर्चा के बजाए नई खुशियों के सपने साकार करने के लिए वास्तविक पाजिटिव शुरूआत करें तो बेहतर रहेगा।
पार्टियों का दौर
31 दिसंबर की विदाई और 1 जनवरी की शुरूआत में पार्टियों का दौर दो दिन से चल रहा है। शहर की होटलों से लेकर चुनिंदा ढाबों पर पार्टियां मनाने की तैयारियां दिखींं। दोस्तों के साथ मिलकर पार्टी मनाने की प्लानिंग कुछ दिन पूर्व ही हो जाती है। हर साल की तरह इस वर्ष भी पार्टी अरेंज की है।
यहां दिल पर लगी ठेस
राजस्थानी डांसिंग ग्रुप और वो नजारे नहीं थे, जो जल महोत्सव के समय देखे जाते हैं। इस बार राज्य सरकार ने बजट के अभाव में टेंट सिटी नहीं लगाई। पर्यटन विभाग ने पैसों के अभाव में आयोजन से हाथ खींच लिए। इससे केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराजसिंह चौहान और जिले के लोगों के मन को ठेस जरूर पहुंची है। फिर भी नए साल की शुरूआत है, लोगों ने ज्यादा विरोध नहीं किया।
पर्यटन स्थलों पर भीड़
शहर के नागचुन पार्क, इंदिरा पार्क एवं शहर की चौपाटी क्षेत्रो में के अलावा जिले के धार्मिक स्थलों में ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और सिंगाजी के अलावा नागलबेड़ा आईलेंड व अन्य टापू भी मौजूद हैं। फिलहाल ओंकारेश्वर में लाखों श्रद्धालु रोज क्रिसमस की छुट्टियों में जुट रहे हैं। पर्यटन स्थल हनुवंतिया में जिस तरह की भीड़ हर साल रहती है, वैसे नजारे तो नहीं दिखे। लोकल यानि जिले के कई लोग परिवार सहित वहां पहुंचे। स्थाई चार काटेज की बुकिंग पहले से ही थी। बड़े सोर्स वाले सरकारी अफसरों के लिए ही ये बुक हैं। बाहर किनारे पर घूमने वाले फिर भी परिवार सहित पहुंचे। माहौल शांत इसलिए भी दिखा क्योंकि टेंट सिटी और जल महोत्व जैसे आयोजन हर तरह के वाटर स्पोटर््स नहीं दिखे।
मंदिरों में रहेगी भीड़
मंदिरों में प्रार्थनाओं का दौर 31 दिसंबर की रात होते ही चला। खासकर ओंकारेश्वर मंदिर में लाखों लोग पहुंच रहे हैं। खंडवा में धूनीवाले दादाजी, भवानी माता, नवचंडी, गणेश मंदिर सराफा, खेड़ापति हनुमान मंदिर में दर्शन कर लोगों ने दैनिक कार्य की शुरूआत का प्लान बनाकर मंदिरों में पहुंच गए हैं। वर्ष के पहले दिन की शुरूआत अच्छे काम से होनी चाहिए,ताकि पूरा साल अच्छा बीते। यही कामना की। हर वर्ग में नए वर्ष को लेकर उमंग और उत्साह देखा गया।