खाचरौद तहसील के अंतिम छोर व रतलाम जिले की सीमा सटे गोठड़ा माताजी में वर्षभर की भविष्यवाणी
नवभारत
(नागेश्वर बैरागी)
खाचरौद। तहसील के अंतिम छोर व रतलाम जिले से सीमा से सटा गांव गोठड़ा जहां स्थित महिषासुर मर्दनी माताजी जो चैत्र नवरात्रि की नवमी को वर्षों से अपनी भविष्यवाणियों के लिए प्रदेश सहित देश में विख्यात है। आज रामनवमी पर महिसासुर मर्दिनी माताजी के पंडाजी द्वारा मलेनी नदी के तट से भविष्यवाणी की जिसे सुनने के लिए दूर दराज के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में आमजन पहुंचे। इसके पूर्व माताजी प्रांगण में यज्ञाचार्य पौराणिक के सानिध्य में चल रहे यज्ञ की पूर्णाहुति हुई। जिसके बाद माताजी की वाडी मलेनी नदी के तट पर पहुंची। जहा से आगामी वर्ष के लिए भविष्यवाणी की गई।
माताजी के पण्डे ने आगामी वर्ष 2024-25 के लिए की गई भविष्य वाणी में बताया कि आगामी वर्ष में 3 बोवनी (वावणी) होगी, पहली बहते आषाढ़ की एकम से नवमी के बीच, दूसरी बोवनी (वावणी) आधा आषाढ़ एकम से सातम के बीच ओर तीसरी बोवनी (वावणी) सावन माह की सातम के बाद होने की बात कही। आगामी वर्ष में 7 मावठे (पोष माह में ओलावृष्टि) गिरने, 3 दा (माघ माह में), जेष्ठ माह में हवा का प्रकोप और कुंवार माह में आंधी तूफान की बात, बीमारी वैशाख से आषाढ़ और कुंवार कार्तिक माह में ज्यादा होगी, मैथी, गेंहू, चना का भाव अच्छा रहेगा पर पानी से इन फसलों में नुकसान भी हो सकता है। कुंवार माह में आंधी तूफान चलेगा, गेंहू, मैथी, चना की फसल ठिक पकेगी पर बारिश से नुकसान होगा। गेहंू, मैथी, लहसुन, प्याज के भाव अच्छे रहेंगे। बारिश अच्छी होगी और सावन और कुंवार में भी बारिश होगी। दुर्घटना रोड एक्सीडेंट ज्यादा होंगे वाहन सावधानी से चलाएं , सोने का भाव ज्यादा तो चांदी मीडियम रहेगी। देश का राजा नहीं बदलेगा, गौसेवा और महावीर हनुमान के अभिषेक हवन पूजन से रहेगी शांति। धर्म को जानने और धर्म के कारण ही कलयुग के प्रभाव के कम होने की बात कही।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर सांसद व भाजपा अनिल फिरोजिया व कांग्रेस सांसद प्रत्याशी महेश परमार, विधायक डॉ. तेजबहादुरसिंह चौहान, चिंतामणी मालवीय, पृथ्वीराजसिंह पंवार, लालसिंह बंजारी, मांगीलाल पाटीदार सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद थे। वहीं सुरक्षा व्यवस्था की कमान एसडीओपी पुष्पा प्रजापति, थाना प्रभारी अमित सारस्वत में दलबल के साथ मौजूद रहे। भविष्यवाणी सुनने मप्र राजस्थान सहित आसपास के क्षेत्र के साथ ही दूर दराज के क्षेत्र से हजारों की संख्या में सुनने वाले पहुंचे। यहां एक दिवस के मेले का आयोजन भी हुआ।