महाकाल मंदिर राशि घोटाले में अब ईडी की एंट्री, आरोपियों की संपत्ति होगी अटैच, लोअर कोर्ट से जमानत हो रही खारिज
उज्जैन। रविवार को महाकाल मंदिर प्रोटोकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव की रिमांड भी समाप्त हो गई। महाकाल थाना पुलिस ने अवकाश के दिन खुलने वाली कोर्ट में भार्गव को पेश किया। जहां से न्यायाधीश सृष्टि पटेल ने अभिषेक भार्गव को जेल भेज दिया।
नवभारत को मिली जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर में जितने घपले -घोटाले हुए उसका खुलासा पुलिस द्वारा किया जा रहा है। अब इस घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय ईडी की भी एंट्री कर दी गई है और सोमवार को ईडी का जांच दल महाकाल मंदिर पहुंचेगा। कई सारे दस्तावेज की छानबीन करके जरूरी दस्तावेज, सामग्री जब्त करेगा। साथ ही प्रक्रिया के अनुसार जो-जो आरोपी हैं उनकी संपत्ति भी ईडी द्वारा अटैच कर ली जाएगी।
पहले 3 फिर 2 , फिर 5
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने 19 दिसंबर को इस कार्रवाई की शुरुआत की। जिसमें स्वयं कलेक्टर ने रंगे हाथों तीन लोगों को दर्शनार्थियों से रुपए लेते हुए पकड़ा। इसके बाद महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव व सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे के खिलाफ धारा 318 (4), 316 (2) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस रिमांड के दौरान दोनों आरोपितों से दो दिनों तक पूछताछ की गई थी। इसके अलावा इनके बैंक खाते व इंटरनेट, मीडिया अकांउट, वाट्सएप की जांच की तो पांच और नाम पता चले। फिर भी अभी तो जांच चल रही है और ना जाने कितने नाम सामने आयेंगे।
इस तरह यह पांच भी धराए
महाकाल भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा, प्रोटोकाल प्रभारी अभिषेक भार्गव, आईटी सेल प्रभारी राजकुमार शर्मा, राजेंद्र सिसौदिया तथा महाकाल मंदिर की सुरक्षा संभाल रही क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी जितेंद्र पंवार व ओमप्रकाश माली को भी आरोपित बनाया गया। इनमें से एक-एक दिन का दो बार अभिषेक भार्गव का रिमांड मिला। बाकी सब को पहले ही जेल भेजा जा चुका था। रविवार को कोर्ट में पेश करने के बाद अभिषेक भार्गव को भी जेल भेज दिया गया। वहीं अभी तो महाकाल मंदिर में दर्शनार्थी को काफी सुगमता से दर्शन के साथ कम से कम राशि लेने का मामला तो सामने नहीं आ रहा है।
कड़ी से कड़ी जोडी जा रही
दरअसल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की शिकायत पर मंदिर के दो कर्मचारियों के खिलाफ फिर दर्ज कराई गई। जब इन दोनों से पूछताछ हुई तो 5 और कर्मचारियों के नाम पता चले इस तरह कड़ी से कड़ी जुड़ती जा रही है और अपराध करने वाले सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं। इधर रविवार को अभिषेक भार्गव की जमानत भी खारिज होने के बाद जिस तरह से जेल भेजा गया है। ऐसे में अब तक सभी की जमानत खारिज होने के बाद आरोपियों के वकील अब सोमवार से सेशन कोर्ट में जमानत लगना प्रारंभ करेंगे और यहां से भी राहत नहीं मिली तो यह मामला हाई कोर्ट पहुंचेगा।
करोड़ों तक पहुंचेगी धोखाधड़ी
नवभारत को मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक भार्गव का रिमांड खत्म होने के बाद जिस तरह कोर्ट ने जेल भेज दिया है। ऐसे में कई राज पुलिस को पता चले हैं और अब कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए महाकाल थाना पुलिस एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर कुछ और बाहुबली रसूखदार उन लोगों तक भी पहुंचेगी। जिनका महाकाल मंदिर में तगड़ा सेटअप है और यह धोखाधड़ी करोड़ों तक पहुंच सकती है। क्योंकि दर्शन और भस्मारती में रुपए लेकर दर्शन कराने के नाम राशि लेने का मामले बहुत पुराना है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं मोटी रकम ऐंठी जाती है। श्रद्धालु तो दर्शन अपने आपको धन्य महसूस करता है इसलिए शिकायत कम होती है।
मंदिर में अन्य जिम्मेदारों में मचा हडक़ंप
पूरे घटनाक्रम पर जब एसपी प्रदीप शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने नवभारत को बताया कि एक बार जांच चालू हो गई है। तो किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद ही यह बंद होगी। भले ही सिंहस्थ 2028 तक क्यों ना कार्रवाई करना पड़े। हाल फिलहाल तो जो लोग पकड़े गए हैं उन्हें प्रक्रिया के अनुसार जेल भेज दिया गया है। जो नए लोग जांच की जद में आएंगे उनसे भी पूछताछ होगी और यदि कोई तथ्य पाया गया तो उन्हें भी जेल भेजेंगे। इधर महाकाल मंदिर में और भी कई कर्मचारी, कुछ पुजारी, पुरोहित, सेवकों से लेकर प्रतिनिधियों में हडक़ंप मचा हुआ है की कहीं वह भी जांच की जद में ना आ जाए।
इनका कहना है
कानून और नियम सबके लिए बराबर है चाहे कोई किसी भी पद पर बैठा हो यदि अपराध किया गया है और उसके तथ्य मिलेंगे तो जांच के बाद कार्रवाई होगी। वैसे ही जांच अभी जारी रहेगी। सिंहस्थ 2028 तक भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
-प्रदीप शर्मा, एसपी उज्जैन