डिजिटल अरेस्ट मामले में ढाई लाख करवाए रिफंड

इंदौर: अपराध शाखा पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड डिजिटल अरेस्ट मामले में एक फरियादी को 2 लाख 56 हजार रुपए रिफंड करवाए. पीथमपुर की एक कंपनी में कार्यरत फरियादी अपराध शाखा में शिकायत की थी. इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों का अकाउंड फ्रीज करवाकर पूरी राशि को रिफंड करवाया.अपराध शाखा के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि पीथमपुर में रहने वाले द्रमिल ठक्कर के साथ पिछले दिनों ऑनलाईन ठगी की वारदात हुई थी. आवेदक द्रमिल ठक्कर जो पीथमपुर की एक फर्नीचर कंपनी में डिजाइनर के रूप में कार्यरत हैं, को एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर खुद को मुंबई कस्टम विभाग का अधिकारी बताया.

कॉल करने वाले ने दावा किया कि उनके नाम से विदेश भेजे गए पार्सल में मादक पदार्थ (एमडी ड्रग्स) मिले हैं. इसके साथ ही उनके आधार कार्ड का उपयोग भी हुआ है. आवेदक द्वारा यह पार्सल उनका न होने की जानकारी देने पर, ठग ने उन्हें डराते हुए कहा कि उनके खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच कार्रवाई करेगी. ठग ने स्काइप कॉल पर मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर आवेदक से बात की और उनके बैंक अकाउंट की जांच के नाम पर स्क्रीन शेयर करवाई. इस प्रक्रिया में, ठग ने आवेदक के आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट से 2 लाख 56 हजार रुपए का लोन अप्लाई करवा दिया. इसके बाद ठग ने आवेदक को यह राशि दो अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर करने को मजबूर किया. पैसे ट्रांसफर करने के बाद ठग ने उससे अपना संपर्क बंद कर लिया.

ठगी का अहसास होते ही कि थी शिकायत
आवेदक द्रमिल ठक्कर को जैसे ही यह अहसास हुआ कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है तो उसने तुरंत 1930 एनसीआरपी पोर्टल पर पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज करवाई. शिकायत दर्ज होते ही अपराध शाखा की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक खातों को फ्रीज करवाया था. इसके बाद कोर्ट के ऑर्डर पर पूरी ठगी गई राशि को रिफंड करवाया. जिसके बाद आवेदक ने अपराध शाखा कार्यालय पहुंच कर पूरी टीम को बधाई दी.

अपराध शाखा ने जारी की एडवाइजरी
पुलिस ने आम नागरिकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए हैं. जिसमें बताया गया कि किसी भी फर्जी कॉल्स से सावधान रहें. किसी भी अनजान व्यक्ति के कॉल पर, जो खुद को कस्टम अधिकारी या कुरियर कंपनी से संबंधित बताता हो, तुरंत भरोसा न करें. इसके अलावा पार्सल में ड्रग्स होने का दावा करने वाले फोन काल्स से भी न घबराए और सिधे परिवार और पुलिस से तुरंत संपर्क करें. किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपनी बैंकिंग डिटेल्स साझा न करें, और न ही अपने मोबाइल की स्क्रीन शेयरिंग और बैंकिंग जानकारी न दें. ठग द्वारा दिखाए गए फर्जी वीडियो कॉल और आईडी पर भरोसा न करें, उसके द्वारा डिजिटल अरेस्ट का झांसा देने पर कहें कि ऐसा कुछ नहीं होता. ठगी का शिकार होने पर तुरंत एनसीआरपी पोर्टल (1930) या इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन नंबर 7049124445 पर शिकायत दर्ज करें

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