उद्योगों को फायर एनओसी से छूट की मांग करेगा चेम्बर ऑफ कॉमर्स

फायर सेफ्टी पर ‌‘चेम्बर भवन‌’ में बैठक आयोजित
ग्वालियर: म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्बारा ‌‘चेम्बर भवन‌’ में फायर सेफ्टी पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया| बैठक में एक्सपर्ट के रूप में कार्यकारिणी समिति सदस्य आशुतोष अग्रवाल एवं नगर से अधिकृत फायर कंसल्टेंट्स उपस्थित थे।अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि फायर से सुरक्षा के प्रावधान प्रत्येक दुकान, घर एवं इण्डस्ट्री को अपनाना चाहिए क्योंकि जब कहीं आगजन की घटना होती है तो फायर ब्रिगेड को पहुंचने में 20 से 25 का समय लग जाता है और यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, यदि हमारे परिसर में फायर सेफ्टी उपकरण मौजूद होंगे तो हम आग की भयावहता को रोक सकेंगे जिससे हमारे जान-माल की सुरक्षा हो सकेगी|

आपने कहा कि निगमकम खाली प्रोफार्मा लेकर घूम रहे हैं और बाजार में दुकानों के बोर्ड देखकर उन्हें फायर एनओसी के नोटिस थमा रहे हैं, जबकि किसे फायर एनओसी लेना है और किसे सेल्फ सर्टिफाय करना है, उसे यह मालूम ही नहीं है।बैठक का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि नगरीय निकाय व्यापारियों, उद्योगपतियों को तो फायर अपडेट के लिए कार्यवाही कर रहा है लेकिन वह स्वयं को अपडेट नहीं कर रहा है। कई बार देखा गया है कि आगजनी की घटना को रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली फायर ब्रिगेड की गाड़ी स्टार्ट तक नहीं हो पाती है। हम तो अपडेट हो रहे हैं लेकिन नगरीय निकाय को भी अपडेट होना चाहिए।

नेशनल बिल्डिंग कोड में फायर एनओसी के लिए दी गई गाइडलाइन पर एक्सपर्ट आशुतोष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आपके परिसर एवं उसके उपयोग के हिसाब से गाइडलाइन में अलग-अलग नॉर्म्स दिये गये हैं। आपने कहा कि हमें स्वयं तथा अपने परिजनों तथा हमारे कारोबार को सुरक्षित रखने के लिए फायर सेफ्टी अपनाने की बेहद जरूरत है| आपने कहा कि फायर फाइटिंग डर का विषय नहीं होना चाहिए| आपने कहा कि यदि हम फायर सेफ्टी के लिए अपने परिसर में होज रील्स सिस्टम स्थापित करते हैं तो इसमें बहुत अधिक खर्च नहीं आयेगा और हम इसका उपयोग सिर्फ आग लगने के दौरान ही न करें।

हम कार वॉश करने में गार्डन में पानी देने में भी इसका प्रयोग कर सकते हैं, घर के हर व्यक्ति को फायर फाइटिंग सिस्टम का प्रयोग सिखायें। घर में मॉक ड्रिल का अभ्यास करें कि यदि आग लगने के कारण घर में अंधेरा हो तो हम घर से कैसे बाहर निकलेंगे, इस प्रकार की ड्रिल से हम ऐसी परिस्थिति से निपट सकते हैं। आपने बताया कि 15 मीटर से अधिक की ऊंचाई वाली बिल्डिंग है तथा प्रत्येक तल पर कंस्ट्रक्टेड एरिया 500 वर्गमीटर से ज्यादा है तो फायर एनओसी लेना अनिवार्य है| यदि इससे कम है तो आपको फायर सेफ्टी सिस्टम अपनाना है और इन पर पेनाल्टी नहीं लगाई जायेगी। 200 वर्गमीटर से ज्यादा का एरिया बेसमेंट है तो आपको स्प्रिंकलर का यूज करना होगा। आपने इसी प्रकार फायर सेफ्टी के प्रावधानों की जानकारी विस्तार से प्रदान की।
बैठक में आये उद्यमियों द्बारा अपनी जिज्ञासाओं संबंधी सवाल-जवाब बैठक में किये गये, जिनका समाधान किया गया।

बैठक के अंत में अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि कोई भी इण्डस्ट्री जब स्थापित होती है तो फेक्ट्री एक्ट के तहत फायर सेफ्टी के सभी नॉर्म्स को अपनाने के बाद ही स्थापित होती है, तब उनसे पुन: फायर एनओसी के लिए कहना अनुचित है| इण्डस्ट्री को फायर एनओसी की अनिवार्यता से बाहर रखने की मांग शासन से की जायेगी। फायर कंसल्टेंट्स की फीस उद्यमियों से नॉमीनल ली जाए तथा फायर एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उद्यमियों को परेशानी न आये और उन्हें फायर एनओसी समय पर मिले, इसके लिए हम शीघ्रता से कार्य करेंगे।

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