केंद्र की राशि वाली निगम की 22 सड़कों के टेंडर निरस्त

मंजूरी देने की थी तैयारी, नेता प्रतिपक्ष ने पकड़ा

40 करोड़ का निगम को लगा देते अधिकारी और नेता चूना

इंदौर: नगर निगम ने केंद्र सरकार की राशि से शहर में मास्टर प्लान की मेजर रोड बनाने का ठेका आज निरस्त कर दिया है. ठेका निरस्त होने से नगर निगम को 40 करोड़ रुपए का चूना लगने से बच गया. 15 दिन पहले उक्त सड़कों को मंजूरी देने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के विरोध के बाद आज तत्काल बुलाई बैठक में निरस्त करने का फैसला लिया गया.इंदौर नगर निगम प्रदेश में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है. यहां फर्जी बिल, फर्जी सड़क, ई नगर पालिका पोर्टल, सीवरेज और नर्मदा लाइन बिछाने जैसे कामों में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं. उक्त घोटाले हजारों करोड़ के घोटाले है. खास बात यह है कि घोटालों के न तो कोई जांच हो रही है और न ही घोटाले से संबंधित कई पर कोई कारवाई की जा रही है. आज नगर निगम ने केंद्र सरकार के 465 करोड़ रुपए से शहर में मास्टर प्लान की 22 सड़कों के टेंडर निरस्त करने का निर्णय लिया. यह निर्णय नगर निगम को नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे की आपत्ति के कारण लेना पड़ा है, अन्यथा मास्टर प्लान की उक्त सड़कों के ठेके को मंजूरी देने की तैयारी कर ली गई थी. इस पूरे कृत्य में निगम के अधिकारियों और एमआईसी की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है. इतनी बड़ी राशि के काम में एमआईसी की मंजूरी जरूरी होती है, अन्यथा सीधे करोड़ों के काम की बात हो ही नहीं सकती है।

इस तरह योजना बनाई निगम खजाने को चूना लगाने की
नगर निगम द्वारा मास्टर प्लान की सड़क बनाने के लिए चार पैकेज बनाकर कर ठेका देने की योजना बनाई गई. उक्त 22 सड़कों के ठेके लेने के लिए ठेकेदार कंपनियों ने आपस में सिंडीकेट बनाकर टेंडर डाले थे. हर पैकेज में सिर्फ दो ठेकेदार कंपनियों ने ही भाग लिया था. तय रणनीति के तहत दोनों टेंडर डालने वाली कंपनी ने आगे पीछे करके 7 से 10 प्रतिशत ज्यादा की दर भरी. नगर निगम के अधिकारियों, ठेकेदार कंपनियों और प्रभारी की मिलीभगत से चार कंपनियों को एक-एक पैकेज का काम करने के टेंडर तय कर दिए, सिर्फ मंजूरी एवं वर्क ऑर्डर जारी होना बाकी थे. उक्त 22 सड़कों के निर्माण में नगर निगम खजाने को 40 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि लग रही थी. उक्त ज्यादा राशि के टेंडर को नेता प्रतिपक्ष ने पकड़ा और विरोध के साथ आपत्ति दर्ज करवाई. उसके बाद नगर निगम ने छुट्टी के दिन इमरजेंसी बैठक कर टेंडर निरस्त करने का निर्णय लिया.

जनकार्य प्रभारी और अधीक्षण यंत्री लोधी सहित कई शामिलः चिंटू चौकसे
नगर निगम के सड़क घोटाले को पकड़ने और टेंडर निरस्त करने के घटनाक्रम को नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने बताया कि मैंने आपत्ति ली, उसके बाद टेंडर निरस्त करने की कारवाई आज की गई है. 15 दिन पहले जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर और अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी और अन्य अधिकारी मंजूरी देने की तैयारी कर चुके थे. सब मिलकर निगम खजाने से 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगा देते. इसमें राठौर और लोधी के अलावा भी कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल है.

 

 

सिंगल टेंडर आने से किया निरस्त
जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ने कहा कि एक दो सड़कों पर सिंगल टेंडर आ गए थे. इसलिए पूरी टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया है. हम स्वच्छ प्रतिस्पर्धा चाहते हैं और 15-20 दिन देरी में हमको कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कड़ाई कुई और अटल द्वार सड़क के टेंडर 27 और 20 प्रतिशत ज्यादा आए है और कंपनिया भी एक-एक ही है इसलिए निरस्त करने का निर्णय लिया है.

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