दिल्ली डायरी
प्रवेश कुमार मिश्र
इंडिया गठबंधन में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस के रूख से नाराज साथी दल अब खुलकर बोलने लगे हैं. पिछले दिनों इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम आगे करने के बाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाए जा रहे आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस को आईना दिखाया है. नेशनल कांफ्रेंस के नेता के बयान के बाद दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि इंडिया गठबंधन आपसी अंतर्द्वंद्व का शिकार बन रहा है इसलिए इसके भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से इंडिया गठबंधन को एकजुट रखने का प्रयास ही नहीं किया जा रहा है.
दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र होंगे मैदान में
दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे चर्चित सीट बनने जा रहा है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर सत्ता पर कब्जा किया था. लेकिन इस बार इस सीट को लेकर कांग्रेस व भाजपा की रणनीति जबरदस्त है. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों व पूर्व सांसदों को दोनों पार्टियों ने केजरीवाल के खिलाफ उतारने का निर्णय लिया है. कांग्रेस पार्टी की ओर से शीला दीक्षित के पुत्र व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को टिकट दिया गया है जबकि भाजपा की ओर से प्रस्तावित चेहरे के रूप पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के पुत्र व पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है. ऐसे मुकाबला रोचक होना तय है.
एनसीपी को एक करने की अप्रत्यक्ष कोशिश
एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद से ही कयास लगाया जा रहा है कि चाचा व भतीजे का गुट एक हो सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारी नुक़सान के बाद यह चर्चा फिर गरम हो गई है. शरद पवार के जन्मदिन के दिन उनके भतीजे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने पारिवारिक मित्रों व दल के वरिष्ठ साथियों के साथ पवार घर पहुंचे थे. चर्चा है कि उक्त नेताओं ने शरद पवार के साथ बंद कमरे में एकजुटता को लेकर गंभीर मंत्रणा की है. हालांकि इस संदर्भ में कहीं से भी औपचारिक बयान नहीं आया है लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद भवन में दोनों गुटों के सांसदों के बीच हो रही अनापेक्षित बातचीत को देखकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि शरद पवार कोई बड़ा उलटफेर कर सकते हैं.
सुर्खियों में रहीं प्रियंका गांधी
संसद के शीतकालीन सत्र में वैसे तो जबरदस्त हंगामा होता रहा है लेकिन इसके बावजूद संविधान के 75 वें वर्षगांठ पर आयोजित चर्चा में हिस्सा लेते हुए वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के भाषण ने खुब सुर्खियां बटोरी. इतना ही नहीं प्रियंका दो दिन में अलग-अलग हैंडबैग के साथ संसद भवन परिसर में घुमकर सांकेतिक रूप से फिलिस्तीन समर्थन व बंगालदेश में हिन्दू के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ संदेश देकर भी चर्चा में रही हैं. सत्ताधारी दल के नेता भी प्रियंका के अंदाज को भविष्य की बानगी के रूप में देख रहे हैं.
बिहार में अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी भाजपा
बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी ताकत बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र फार्मूले पर चलने को तैयार है. दिल्ली में बैठे भाजपाई रणनीतिकारों ने किसी भी परिस्थिति में जदयू के साथ रहते हुए अपनी ताकत बढ़ाने के लिए राजद व कांग्रेस के प्रभाव या कब्जे वाली सीटों पर अभी से तैयारी आरंभ कर दिया है. इसके लिए संघ व उसके अनुसांगिक संगठनों को भी लगाया गया है. चर्चा है कि भाजपा अपने दम कुछ ऐसा करने की तैयारी में है जिसके सहारे भविष्य में वह नीतीश कुमार को अपने शर्तों के साथ झूका सके. हालांकि जदयू नेता भी भाजपाई रणनीति को भांपकर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जमीनी तैयारी आरंभ कर दिए हैं.