बेंगलुरु 16 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेताओं पर उनकी सरकार बनने के बाद से कांग्रेस विधायकों को पैसों की पेशकश कर लुभाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
‘ऑपरेशन लोटस पॉलिटिक्स’ का जिक्र करते हुए श्री सिद्दारमैया ने भाजपा के इन प्रयासाें को आगामी लोकसभा चुनावों में हार के डर से उपजी हताशापूर्ण कार्रवाई करार दिया और मतदाताओं से कांग्रेस पार्टी को वोट देने का आह्वान किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर कहा,“चुनाव में हार के डर से, भाजपा नेता हमारे विधायकों को लुभाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं। उन्होंने (भाजपा) कर्नाटक में हमारी सरकार बनने के दिन से ही हमारे विधायकों को पैसे की पेशकश शुरू कर दी। ‘ऑपरेशन लोटस’ की राजनीति अब नहीं चलेगी। उनकी हार निश्चित है।”
श्री सिद्दारमैया ने लोगों से ‘संविधान बचाने’ के साधन के रूप में कांग्रेस पार्टी को वोट देने का भी आग्रह किया।
श्री सिद्दारमैया ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के किसी भी क्षरण के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जो समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। उन्होंने कहा,“संविधान पर किसी भी खतरे का मतलब महिलाओं, गरीबों, मध्यम वर्ग, शूद्रों और देश के मेहनतकश लोगों के जीवन तथा भविष्य के लिए खतरा है।”
श्री सिद्दारमैया ने नागरिकों से आगामी लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र को बनाए रखने और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को हराने के अवसर के रूप में लेने का आह्वान किया।
कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटों का योगदान होने के कारण राज्य के चुनावी नतीजे राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं। राज्य के मतदाता 26 अप्रैल और सात मई को दो चरणों में मतदान करेंगे जिससे कर्नाटक आगामी चुनावों में एक प्रमुख युद्धक्षेत्र बन जाएगा। इससे पहले हुए वर्ष 2019 के चुनावों में कांग्रेस और जनतादल (सेक्युलर) गठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ा, जबकि भाजपा ने कर्नाटक में रिकॉर्ड 25 सीटें हासिल कीं। इस चुनावी झटके ने संभवतः राज्य में फिर से अपनी पकड़ बनाने और भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के दृढ़ संकल्प को बढ़ावा दिया है।