नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (वार्ता) संसद भवन के मकर द्वार पर गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में दिये गये बयान के विरोध में गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे इंडी गठबंधन के सांसदों एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की में गिरकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो सांसद घायल हो गये, जिन्हें यहां उपचार के लिए राममनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाया गया।
संसद भवन के मकर द्वार पर पूर्वाह्न 11 बजे बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का चित्र लेकर भाजपा और इंडिया समूह के सांसद प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान हुई धक्का-मुक्की में भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत गिर गये जिससे वे घायल हो गये। श्री सारंगी के सिर में चोट आयी है। श्री सारंगी को व्हील चेयर पर और श्री राजपूत को स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस तक ले जाया गया। श्री सारंगी ने कहा कि वह सीढ़ियों के पास खड़े थे तभी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी आये और उन्होंने एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे (श्री सारंगी के) ऊपर गिरा जिससे वह भी गिर गये।
बाद में दोनों घायल सांसदों को यहां डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाया गया। पता चला है कि श्री राजपूत को आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
संसदीय कार्य, विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस धक्कामुक्की में दो नेता घायल हुए हैं। 4-5 अन्य सांसदों ने इस बारे में शिकायत की है…सभी सांसदों को विरोध करने का अधिकार है। उन्होंने (राहुल गांधी) शारीरिक हिंसा की और वे सारंगी जी की हालत देखने भी नहीं गए। उन्होंने (कांग्रेस ने) हमेशा बीआर अंबेडकर के साथ अन्याय किया है। उन्होंने हमेशा उनका अपमान किया है। हम अस्पताल से रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “संसदीय इतिहास में यह एक काला दिन है। मर्यादा को तार-तार कर दिया गया है। लोकतंत्र को तार-तार कर दिया गया है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की गुंडागर्दी जैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। भारत के संसदीय इतिहास में ऐसा आचरण कभी नहीं देखा गया। अगर वे हरियाणा और महाराष्ट्र हार गए तो वे संसद में अपनी हताशा क्यों निकाल रहे हैं? राहुल गांधी और कांग्रेस के लोगों को लोकतंत्र में आचरण को समझने के लिए एक कार्यशाला बुलाई जानी चाहिए। मैं दुखी हूं। श्री अमित शाह के भाषण ने कांग्रेस को बेनकाब कर दिया है। वे इससे इतने हताश हो गए हैं कि अब गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। हम इस गुंडागर्दी की निंदा करते हैं।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि मकर द्वार लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सांसदों के प्रवेश का मुख्य द्वार है। कांग्रेस और उनके अन्य सांसद उस विशेष स्थान पर खड़े रहे और पूरे सत्र के दौरान वे तख्तियां दिखाते रहे और नारे लगाते रहे। आज पहली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसद 1951 के बाद से कांग्रेस पार्टी द्वारा अंबेडकर के अपमान के खिलाफ विरोध करने वहां गए थे। जब राजग के सांसद मकर द्वार, मुख्य द्वार पर विरोध कर रहे थे, तब राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसद आए और भाजपा के दो सांसदों पर हमला किया, उन्हें धक्का दिया और अन्य सांसदों के साथ भी धक्का-मुक्की की। भाजपा के दो सांसद प्रताप सिंह सारंगी और मुकेश राजपूत को गंभीर चोटें आई हैं।
श्री रिजीजू ने कहा, “मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि अगर आप इस तरह की शारीरिक हिंसा का सहारा लेंगे, अगर अन्य सांसद भी शारीरिक हिंसा का सहारा लेने लगेंगे, तो क्या होगा? हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। राहुल गांधी को अन्य सांसदों के खिलाफ अपनी शारीरिक शक्ति का उपयोग करने का अधिकार किसने दिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य सांसद कमजोर हैं। यह सिर्फ़ इसलिए है क्योंकि हम अहिंसा में विश्वास करते हैं और हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। राहुल गांधी द्वारा सांसदों पर शारीरिक हमला निंदनीय है। यह उनके गुस्से, उनकी हताशा का घोर दुरुपयोग है और जिस तरह से राहुल गांधी ने संसद के साथ व्यवहार किया है, उससे पता चलता है कि राहुल गांधी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं। मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूँ कि हम देखेंगे कि हम क्या उचित कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन उन्हें देश से माफ़ी मांगनी चाहिए कि उन्होंने दूसरे सांसदों के खिलाफ़ अपनी शारीरिक शक्ति का इस्तेमाल किया है। हम सिर्फ़ इसलिए शारीरिक जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। हम दूसरे सांसदों के खिलाफ़ अपनी शारीरिक शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं क्योंकि हम उसमें विश्वास नहीं करते हैं। हम अहिंसा में विश्वास करते हैं। राहुल गांधी को समझना चाहिए और देश से और उन सांसदों से माफ़ी मांगनी चाहिए जिन्हें उन्होंने सबसे गंभीर चोट पहुँचाई है। उचित कार्रवाई की जाएगी। सबसे पहले, हम चोट के स्तर को देखेंगे क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार चोट काफी गंभीर थी और थोड़ा खून भी बह रहा था। अभी चिकित्सा उपचार चल रहा है। हम अब स्थिति देखेंगे।”
उधर राममनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि हम दोनों (प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत) को स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, जांच की जा रही है। टेस्ट किए जाएंगे। लक्षणात्मक उपचार शुरू हो गया है। चूंकि दोनों के सिर में चोट लगी है, इसलिए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। प्रताप सारंगी को बहुत ज़्यादा रक्तस्राव हो रहा था और उन्हें गहरा घाव भी हुआ था। इसलिए उन्हें टाँके लगाने पड़े। उनकी जांच की जा रही है। मुकेश राजपूत बेहोश हो गए थे। अभी वे होश में हैं, लेकिन उन्हें चक्कर आ रहे हैं और बेचैनी हो रही है। उनका रक्तचाप बढ़ गया था।