16 दिसंबर को ऑपरेशन प्रहार एवं विजय दिवस के रूप में मनाया गया

बागली: बागली के ऐतिहासिक स्थल पुरानी तहसील भवन के सामने शाम 7 बजे से ही बाल स्वयंसेवक एवं व्यवसायिक स्वयंसेवक के अलावा संघ के सदस्य दंड लेकर उपस्थित होने लगे। ध्वज प्रणाम के बाद ऑपरेशन प्रहार की तरह लगभग 4000 दंड प्रहार अलग-अलग ग्रुप में किए गए ‌। इस दौरान स्वयंसेवक संघ सदस्यों की संख्या 72 रही। संघ के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को लगभग पाकिस्तान के 93000 सैनीको ने भारती सैनिकों के सामने समर्पण किया था।

उसी दिन से 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विजय दिवस अवसर पर बागली में प्रहार यज्ञ के साथ-साथ बाल स्वयंसेवक सदस्यों को बौद्धिक और शारीरिक खेल भी खिलाये गए। संघ सदस्यों ने जानकारी दी की प्रति रविवार बागली में लगने वाली तीनों शाखा का एकत्रीकरण होकर सामूहिक बैठक और शाखा लगाई जाएगी आने वाले समय में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बागली से जुड़े सभी छोटे-बड़े गांव में पंचशील सिद्धांत पर स्वयंसेवक संघ के सदस्य काम करेंगे।

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