मामला तिरोडी और सितापठौर उप परिक्षेत्र की समितियों का
कटंगी (बालाघाट): वन सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों जैसे जंगल मे पेड लगाने, चेकडेम निर्माण, वन प्रक्षेत्र की घेरा बंदी आदि अनेक कार्यों के संपादन के लिए शासन ने वन सुरक्षा समितियों को पूर्ण अधिकार दे रखा है और शासन द्वारा लाखों की राशि वन सुरक्षा समितियों के खाते मे आवंटित की जाती है तथा बेहतर कार्य करने वाली वन सुरक्षा समितियों को पांच लाख रुपयों से अधिक प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है जिससे वनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके किन्तु वन परिक्षेत्र कटंगी के अन्तर्गत आने वाले उप परिक्षेत्र तिरोडी और सितापठौर की वन सुरक्षा समितियों मे वनों की सुरक्षा और कार्यों को दरकिनार कर भारी फर्जी वाडा किये जाने की शिकायते हो रही है बताया गया है कि विगत दो वर्षों से फर्जी बिलों के माध्यम से लाखो रुपयों का आहरण वन सुरक्षा समितियों द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से आहरणकर लिया गया है.
किन्तु समितियों द्वारा कोई उल्लेखनीय कार्य नजर नहीं आ रहे हैं और ना ही केश बुक लिखी जा रही है और ना ही वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आडिट किया जा रहा है, समितियों का आलम यह है की विगत 20-25वर्ष से अध्यक्षों के चुनाव नही किये गये है जिससे समितियां मन मर्जी से वन अधिकारियों के सहयोग से शासकीय राशि का दोहन कर रहे हैं। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी भी प्रदान नही की जा रही,इसी तरह का मामला गत दिनों प्रकाश मे आया है जिसमें सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को उप परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा नही दी गई, क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों ने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से वन सुरक्षा समितियों के चुनाव कराने और समितियों द्वारा किये गए फर्जी वाडा की जंच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।