ग्वालियर। मध्यप्रदेश शासन की बात करें तो अनाज मंडियों के संचालन का उद्देश्य केवल अन्नदाता किसानों को सुविधाएं प्रदान करना है लेकिन किस तरह की सुविधाएं दी जाती हैं या मध्य प्रदेश शासन की मंशा पर किस तरीके से पलीता लगाया जाता है इसकी खबरें तो प्रदेश की अलग अलग मंडियों से सुर्खियां बनती हैं। लेकिन ग्वालियर की दीनार पुर अनाज मंडी है जहां अव्यवस्थाएं चरम पर हैं और इसके बावजूद भी वह अवस्थाएँ न केवल मंडी के जिम्मेदार अधिकारियों बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों और मीडिया आंखों को अब तक नज़र नहीं आई है। हमने जब कुछ दिन पूर्व दिनारपुर मंदी में फैली अव्यवस्थाओं की हकीकत जानी तो वहाँ के हालात चौंकाने वाले दिखाई दिए। लेकिन उससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात यह रही कि मंडी के सचिव कदम सिंह से फोन पर चर्चा की तो उन्होंने जानकारी न होकर कार्यवाही की बात की, जबकि मंडी के मुखिया पी एल चक्रवर्ती ने फोन ही नहीं उठाया। और उस दिन के बाद सचिव ने भी फोन नहीं उठाया। मतलब साफ है कि वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे गड़झाला की जानकारी है लेकिन वह मुँह में दही जमाए बैठे हैं।