केलांग, 10 दिसंबर (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को ऑनलाइन माध्यम से जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें ठोस कचरा प्रबंधन, अवैध खनन, ई-वेस्ट, सीवरेज, बायो मेडिकल बेस्ट सहित पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए जा रहे विभिन्न बिंदुओं पर विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। इस दौरान गत बैठक में उपायुक्त द्वारा दिए निर्देशों की अनुपालना की प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक में जिला लाहौल स्पीति के अधिकारियों सहित दूसरे जिलों के इस समिति से संबंधित अधिकारी जुड़े रहे। उपायुक्त ने कहा कि लाहौल स्पिति जिला के पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होने के कारण जिला प्रशासन इसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अटल टनल बनने से जिला में पर्यावरण संरक्षण को लेकर दबाव बढ़ा है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से इस दिशा में संवेदनशील होकर कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी निर्देश दिए जाते हैं उनके प्रति अधिकारी फोकस होकर कार्य करें।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में चलाई गई ई-वेस्ट कलेक्शन मुहिम तहल केलांग, तांदी, सिस्सु व कोकसर पंचायतों से 350 किलो का ई-वेस्ट एकत्रित किया गया है। जल्द ही काजा और उदयपुर में भी इस तरह की ड्राईव चलाकर ई-वेस्ट इकट्ठा किया जाएगा।
उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिला जिन क्षेत्रों में प्लास्टिक वेस्ट की उपलब्धता ज्यादा है उन क्षेत्रों मे सड़क निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग की सम्भावनाओं सहित अप्रैल माह से पूर्व इस बारे रोड़ मैप भी तैयार कर लें।
उपायुक्त क्षेत्र में कचरा फैलाने व प्लास्टिक के उपयोग करने वालों पर नजर बनाए रखने और आवश्यक होने पर चालान करने अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
बैठक में क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कुल्लू ने बताया कि कोकसर में पर्यटकों और आमजन को ठोस कचरा प्रबंधन के बारे जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला लाहौल स्पीति में गत वर्ष कचरा फैलाने व प्लास्टिक के उपयोग करने पर 42 हजार रुपये का जुर्माना किया गया।