ग्वालियर, 07 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश नवकरणीय उर्जा के क्षेत्र में पूरे देशभर में तेजी से आगे बडा है, अभी हम 7 हजार मेगावाॅट बिजली का उत्पादन नवकरणीय उर्जा स्रोतों से कर रहे हैं, जल्दी ही मध्यप्रदेश 30 हजार मेगावाॅट बिजली नवकरणीय उर्जा क्षेत्र में पैदा करेगा। यह लक्ष्य अगले पांच वर्ष में पूरा कर लेंगे।
राज्य के नवकरणीय उर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने आज यहां पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। श्री शुक्ला ने बताया कि ग्वालियर-चंबल अंचल में भी हम नवकरणीय उर्जा के क्षेत्र में आगे बढने की तैयारी कर रहे है। हमने चंबल के बीहडों में भी सौर उर्जा के माध्यम से 600 मेगावाॅट बिजली उत्पादन की प्लानिंग की है। इसके साथ ही ग्वालियर के तिघरा जलाशय में भी फ्लोटिंग पद्धति से बिजली उत्पादित करने की तैयारी की है।
नवकरणीय उर्जा मंत्री ने बताया कि चंबल के बीहडों में आठ हेक्टेयर जमीन पर सौर उर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। श्री शुक्ला ने कहा कि सौर उर्जा में मप्र देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहा है। जिसके कारण मप्र के रीवा से दिल्ली मेट्रो व शाजापुर-आगर से रेलवे को विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। श्री शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुरूप 2030 तक देश की कुल उर्जा खपत का 50 प्रतिशत नवकरणीय उर्जा से पूरा किया जाएगा। इसको देखते हुये मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव के नेतृत्व में हम गंभीरता से कार्य कर रहे हैं।
श्री शुक्ला ने बताया कि मप्र न केवल इस यात्रा में आगे बढ रहा है बल्कि नवकरणीय उर्जा क्षेत्र में नवाचारों से देश विदेश को एक नई दिशा भी दे रहा है। वृहद सौर पार्क आधारित परियोजनाओं का विकास वर्ष 2016 मेगावाॅट की रीवा सौर परियोजना के 750 में 17 मेगावाॅट 250 विकास के साथ प्रारंभ हुआ। अद्यतन राज्य में मंदसौर सौर परियोजना, रीवा सौर परियोजना मेगावाॅट 750 , आगर सौर परियोजना मेगावाॅट 550, शाजापुर सौर परियोजना मेगावाॅट 450, नीमच सौर परियोजना मेगावाॅट 330 एवं ओमकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना मेगावाॅट 278 विकसित की जा चुकी है। इन सभी परियोजनाओं का विकास प्रदेश की कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा रम्स किया गया है। रीवा व नीमच में देश का तत्कालीन न्यूनतम टैरिफ प्राप्त किया गया है, जबकि ओमकारेश्वर विश्व की सबसे बडी फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं में से एक है।
नीमच सौर परियोजना मेगावाॅट क्षमता के लिए 170 निविदा प्रक्रिया इस वर्ष के मध्य में प्रारंभ की गई। निविदा प्रक्रिया अनुसार प्राप्त तकनीकी प्रस्तावों में विकासकों 10 क्रमशः जैकसन ग्रीन इनर्जी, वारी इनर्जी, एमकेसी ग्रीन इनर्जी, सिरमौर स्माल हाइड्रोपाॅवर लिमिटेड, ब्लूपाईन इनर्जी, सन पेट्रोकैमिकल्स, एनटीपीसी रिन्यूवेबल, अशोका बिल्डकाॅन, हिन्दुस्तान पाॅवर, टाटा पाॅवर जैसे विकासकों द्वारा सहभागिता की गयी। इन प्रस्तावों के तकनीकी आंकलन के आधार पर वित्तीय प्रस्तावों प्रति यूनिट टैरिफ को खोला जाकर वित्तीय प्रस्तावों में प्राप्त प्रस्तावों में न्यूनतम प्राप्त प्रस्ताव से रिवर्स आक्शन किया जा रहा है। इस आधार पर रिवर्स आक्शन में प्राप्त न्यूनतम टैरिफ के विकासक को परियोजना आवंटित की जाएगी।
श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में हुई इस बिड ने एक बार पुनः प्रदेश सरकार के निवेश उन्मुख प्रयास की सफलता को सिद्ध किया है। विगत छह माह में देश के प्रतिष्ठित विभिन्न संस्थानों जैसे सेसी सतुलज जल, महाराष्ट्र राज्य उर्जा विकास निगम , गुजरात उर्जा विकास निगम, विद्युत निगम एनटीपीसी द्वारा जारी निविदा में न्यूनतम टैरिफ रूपये 2 प्रति यूनिट 48 सेसी पैन इंडिया सोलर ट्रांसी एक्सवीआई 500 मेगावाॅट की निविदा में प्राप्त हुआ है। इसमें सेसी द्वारा 07, पैसे ट्रेडिंग मार्जिन शामिल नहीं है। नीमच परियोजना में रिवर्स आक्शन के पूर्व न्यूनतम टैरिफ भी पैसे कम है।
परियोजना के विकास के लिए रम्स द्वारा प्लग एंड मोड में दी जाने वाली सुविधाएं जैसे आंतरिक सब स्टेशन, आंतरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि विकास को, परियोजना हेतु भूमि को परियोजना के प्रति निवेश के लिए सुनिश्चितता को बढाता है। व त्रि स्तरीय भुगतान सुरक्षा गारंटी परियोजना की विश्वसनीयता बढाती है।