बागली: त्रिस्तरीय पंचायती राज लागू होने के बाद कई गांवो की दशा बेहतर रूप से सुधर गई किंतु आज भी कुछ ग्राम पंचायत ऐसी है। जहां के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उदय नगर तहसील की ग्राम पंचायत मही गांव का यही हालहै। आसपास के पांच छोटे गांव सिराली बीड, बडछापरा, बोरखेड़ी गारा घाटी श्यामपुर, सेमली, कनाड, आदि गांव के बच्चे हाई स्कूल एवं हाई सेकेंडरी शिक्षा ग्रहण करने के लिए 12 किलोमीटर दूर पांडू तालाब या उदय नगर जाने को मजबूर है। दूरी अधिक होने के कारण क्षेत्र की लड़कियां पांचवी तथा आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है। दूसरी परेशानी में मही गांव को अन्य छोटे गांव से जोड़ने वाली पुलिया क्षतिग्रस्त होने से वाहनों को लाने ले जाने में परेशानी आती है ।विशेष कर जननी सुरक्षा एंबुलेंस एवं स्कूलों की गाड़ी इन क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाती मही गांव अंतर्गत सिराली बीड गांव में शत प्रतिशत आदिवासी परिवार निवास करते हैं।
यह बागली विकासखंड का अंतिम गांव है। यहां पर 100 से अधिक परिवारों की बसावट है। इस गांव में आंगनबाड़ी भवन सामुदायिक भवन तथा विद्युत लाइन नहीं होने के चलते रहवासियों को परेशानी आती है ।संपन्न परिवार के लोग 2000 फीट तक निजी खर्च करके विद्युत तार से घर को रोशन करते हैं। कई बार लंबे समय तक विद्युत सप्लाई बंद होने से यह गांव अंधेरे में रहता है। ऐसी छोटी-छोटी कई समस्या इस पंचायत में है ।इसके लिए यहां की सरपंच मंगती बाई ने कई बार प्रशासन को अवगत कराया। यहां के रह वासी संतोष अलावस्या ने बताया कि उनकी पंचायत में विकास कार्य की राशि नहीं के बराबर आती है। जबकि क्षेत्र की बड़ी सिंचाई परियोजना मही गांव बांध पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके दिवंगत भाजपा नेता कैलाश जोशी की देन है। लेकिन उनके बाद आने वाले जनप्रतिनिधि इस बात पर ध्यान नहीं दे पा रहे। जबकि यह पूरा क्षेत्र भाजपा का एक छत्र गढ़ है।