बारदाना ना देने से कई केंद्रों पर नहीं हो पा रही खरीदी
जबलपुर: राइस मिलर्स द्वारा पिछले उपार्जन का भुगतान न होने के कारण उन्होंने आगामी धान उपार्जन पर सहयोग न करने के फैसला लिया था, जिसके चलते 6 दिसंबर तक सभी राइस मिलर्स हड़ताल पर भी बैठे हुए थे, परंतु 6 दिसंबर को भी मिलर्स द्वारा हड़ताल खत्म नहीं की गई है। जिसके चलते अब धान उपार्जन में संकट का साया मंडरा रहा है। जिसमें खास तौर पर खरीदी केंद्रों पर बारदाने की किल्लत हो रही है। जिसके चलते कई केंद्रों पर अभी भी खरीदी शुरू नहीं हो पाई है।
राइस मिलर्स का कहना है कि जब तक उनके पूर्ण भुगतान नहीं होता है, तब तक वह ना ही मिलिंग करेंगे और ना ही आने वाले उपार्जन के समय सहयोग करेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकर द्वारा जो नीति तैयार की गई थी उसमें बारदाने का रेशो 54 प्रतिशत और 46 प्रतिशत का रखा गया था। जिसमें 40 प्रतिशत बारदाना मिलरों को पुराना जमा करना था,जबकि उन्होंने यह वरदान देने से साफ इनकार कर दिया है ऐसे में खरीदी के लिए बारदाने की समस्या खड़ी हो सकती है।
46 लाख पुराने बारदाने लाए जाने हैं उपयोग
राइस मिलरों की हड़ताल के चलते इस बार उनके द्वारा कोई भी बारदाना जमा नहीं किया गया है। यदि जिले में धान की खरीदी 40 लाख क्विंटल मानकर चलते हैं तो ऐसे में उपार्जन के लिए एक करोड़ बारदाने की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में 54 लाख नए बारदाने है और 46 लाख पुराने बारदाने उपयोग में लाये जाएंगे, जबकि राइस मिलर के द्वारा कोई भी बारदाना जमा नहीं किया गया है। तो फिर बारदाने की समस्या आने वाले समय में बढ़ सकती है।
मिलिंग और बार दाने की राशि का नहीं हुआ भुगतान
जानकारी के अनुसार राइस मिलरो को 2022-23 और 23- 24 की मिलिंग राशि, प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसके अलावा जो बारदाना उन्होंने पिछले साल जमा किए हुए थे, उसका भुगतान भी नहीं किया गया है। ऐसे में राइस मिलरो का कहना है कि जब तक उनके लंबित भुगतान नहीं किए जाएंगे तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे।
इनका कहना है
मिलर्स ने अभी हड़ताल खत्म नहीं की है, संभावना है कि सोमवार को वह सभी अपने काम पर लौटेंगे। प्रशासन द्वारा सभी केंद्रों पर अभी बारदाने पहुंचा दिए हैं।
दिलीप किरार,
जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम