बंग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन

सनातन चेतना मंच के तत्वाधान में किया गया प्रदर्शन

अत्याचार के खिलाफ भारत सरकार बंग्लादेश पर बनाए दबाव

शहडोल ।बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों और हो रही हत्याओं को लेकर सनातन चेतना मंच के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन कर रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। सनातन चेतना मंच की ओर से केशवगिरी महराज, डॉ. तीरथ प्रसाद आचार्य, नरोत्तम सेवक दास, महाराज इस्कान मंदिर शहडोल, गंगा राजीव पाण्डेय, श्रीकांत शर्मा, गीतानुरागी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता एवं आमजन उपस्थित रहे। बांग्लादेश में काफी लंबे वक्त से हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा चल रही है। वर्ष 2013 से अब तक वहां पर 36000 से अधिक हिंदुओं पर हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं । बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त हुए सनातन चेतना मंच के अध्यक्ष केशवगिरी महराज ने कहा कि बांग्लादेश में वर्तमान में हिन्दुओं पर जो अत्याचार हो रहे हैं वह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि इनसेे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं। स्वतंत्रता के समय तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान (बंग्लादेश) में 22 प्रतिशत हिंदू आबादी थी। किंतु उन्हें लगातार दी जा रही यातनाओं के कारण उनका वंशछेद करने के कारण बांग्लादेश की पिछली जनगणना तक वहां मात्र 7.5 प्रतिशत ही हिंदू बचे थे। विगत 5 अगस्त के पहले हिंसा के बाद बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय को लक्ष्य बनाकर उनकी हत्याएं की जा रही हैं उनके घर लूट जा रहे हैं उनकी जवान बेटियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं।

अत्याचार के खिलाफ जन आक्रोश

5 अगस्त से अब तक हजारों हिंदुओं की हत्या की गई है, हिंदुओं पर हमले की 6000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। बंग्लादेश का पुलिस विभाग हिंदुओं की शिकायतें नहीं ले रहा है बांग्लादेश प्रशासन ने एक ही महीने में 252 हिंदू पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है। हमारे पड़ोसी देश में हुई घटनाओं ने हमें गहरा आघात पहुंचाया है, जिससे विशेष वर्ग के अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए अत्याचारों सेहम सब आहत हैं। 25 नवंबर 2024 ढ़ाका में स्कान मंदिर प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जो की धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन था। 24 नवंबर 2024 को एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है । 20 नवंबर 2024 को हिंदू समुदाय के घरों दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे उनकी संपत्ति और सामान को नष्ट कर दिया गया।

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