० शहर के 25 हजार पुराने विद्युत मीटरों को बदलने का कार्य शुरू, ठेका कम्पनी के माध्यम से कराया जा रहा है कार्य
नवभारत न्यूज
सीधी 27 नवम्बर। शहर में विद्युत वितरण केन्द्र क्रमांक 1 एवं 2 के पुराने विद्युत मीटरों को बदलकर उनके स्थान पर स्मार्ट विद्युत मीटर लगाया जा रहा है। यह काम पूरा करने के लिए तीन महीने का टारगेट दिया गया है। बताया गया है कि मोंटी कार्लोज कम्पनी के माध्यम से विद्युत मीटरों को बदलने का काम किया जा रहा है।
अभी शहर में न्यू बस स्टैण्ड से लेकर लालता चौक के समीप तथा कोटहा इलाके में पुराने विद्युत मीटरों को बदलते हुए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। तत्संबंध में यह निर्देश दिए गए हैं कि उपभोक्ताओं से इस संबंध में पूंछने की कोई आवश्यकता नहीं है। घर के बाहर लगे पुराने विद्युत मीटरों को निकालकर स्मार्ट विद्युत मीटर लगाया जाए। इसी वजह से अभी तक में करीब एक हजार उपभोक्ताओं के यहां से पुराने विद्युत मीटर निकालकर उनके स्थान पर स्मार्ट विद्युत मीटर लगा दिए गए हैं। पुराने विद्युत मीटरों को बदलने का काम काफी तेजी के साथ किया जा रहा है। कुछ उपभोक्ताओं को भ्रम है कि जो नए स्मार्ट विद्युत मीटर लगाए जा रहे है उनमें खपत पहले से ज्यादा दर्ज हो सकती है। इस पर विद्युत कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट विद्युत मीटर पूरी तरह से जांच-परख कर ही लगाए जा रहे हैं। इसमें वास्तविक विद्युत खपत ही दर्ज होगी। उपभोक्ता बिना किसी भ्रम के स्मार्ट विद्युत मीटरों को लगवाएं। स्मार्ट विद्युत मीटर लग जाने के बाद मीटर रीडिंग लेने की कोई जरूरत नहीं रहेगी। कंट्रोल रूम से सीधे विद्युत मीटर में दर्ज रीडिंग पहुंच जाएगी और उसी के आधार पर विद्युत बिल जेनरेट कर जबलपुर से जारी कर दिए जाएंगे। स्मार्ट विद्युत मीटर के लग जाने के बाद विद्युत वितरण कम्पनी को मीटर रीडऱों की सेवाएं लेने की कोई जरूरत नहीं रहेगी।
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स्मार्ट विद्युत मीटर की विशेषताएं
स्मार्ट विद्युत मीटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा की खपत, वोल्टेज स्तर, करंट और पावर फैक्टर जैसी जानकारी रिकॉर्ड करता है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को खपत व्यवहार की अधिक स्पष्टता के लिए और सिस्टम मॉनिटरिंग और ग्राहक बिलिंग के लिए बिजली आपूर्तिकर्ताओं को जानकारी संप्रेषित करते हैं। स्मार्ट मीटर आमतौर पर वास्तविक समय के करीब ऊर्जा रिकॉर्ड करते हैं और पूरे दिन नियमित रूप से छोटे अंतराल पर रिपोर्ट करते हैं। स्मार्ट मीटर मीटर और केन्द्रीय प्रणाली के बीच दो तरफा संचार सक्षम करते हैं। स्मार्ट मीटर स्मार्ट ग्रिड का हिस्सा हो सकते हैं लेकिन स्वयं स्मार्ट ग्रिड का गठन नहीं करते हैं। स्मार्ट मीटर में रिमोट रीडिंग की सुविधा होती है जिससे मीटर रीडर की जरूरत नहीं होती। यह बिजली खपत की जानकारी सीधे उपयोगिता आपरेटर को भेजता है। उपभोक्ता को अपनी बिल की खपत के आधार पर विद्युत बिल मिल सकता है। इसी वजह से खपत के आधार पर उपभोक्ताओं को बिजली का बिल बिना किसी परेशानी के मिल सकता है। यह व्यवस्था लागू होने पर विद्युत रीडरों की सेवा समाप्त हो जाएगी।
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इनका कहना है
शहर के दोनो विद्युत वितरण केन्द्रों को मिलाकर करीब 25 हजार पुराने विद्युत मीटरों को निकालकर उनके स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर में खपत के अनुसार ही विद्युत रीडिंग दर्ज होगी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद रीडरों के माध्यम से रीडिंग लेने की कोई जरूरत नहीं रहेगी। करीब तीन महीने में शहरी क्षेत्र में स्मार्ट विद्युत मीटर लगाने का काम पूरा हो जाएगा।
शिवउजागिर मिश्रा, कनिष्ट यंत्री
विद्युत वितरण केन्द्र शहर क्रमांक 1
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