जीरो दिया मेरे भारत ने दुनिया को जब गिनती आई यह बात गलत है

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा इतिहासकारों ने भारत को गलत ज्ञान दिया

कालिदास समारोह के समापन अवसर पर बोले मंत्री ,हम फिर से इतिहास बनाएंगे

वास्कोडिगामा ने भी भारत की खोज नहीं की, हमारा इतिहास लाखों साल पुराना

उज्जैन: कालिदास समारोह का समापन सोमवार को हो गया. इसमें उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार एवं सूक्ष्म लघु मंत्री चेतन कश्यप ने शामिल होकर कालिदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रभावी उद्बोधन देते हुए समारोह को सार्थक बताया. 12 नवंबर को समारोह का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया था.
नवभारत से चर्चा में कालिदास अकादमी के निर्देशक गोविंद गंधे ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह आयोजन हुआ है. अनेक कलाकारों ने अपनी कला का समारोह के दौरान प्रदर्शन किया देश व प्रदेश भर के और स्थानीय कलाकारों का भी सम्मान किया गया और सात दिवसीय यह जो आयोजन हुआ है इसका लाभ दुनिया भर को प्राप्त होगा.

गलत इतिहास पढ़ाया गया
सोमवार को कालिदास समारोह के समापन समारोह में उस वक्त श्रोतागण हैरान हो गए जब उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि यह बात गलत है कि जीरो दिया मेरे भारत ने जब दुनिया को गिनती आई इतिहासकारों ने हमें गलत इतिहास पढ़ाया है भारत को भ्रमित करने का काम किया है कई सारे इतिहासकार अंग्रेज पोषित थे अब हम नए सिरे से इतिहास बनाएंगे.

संस्कृति मंत्री नहीं आए तो मुख्यमंत्री ने मुझे भेजा
सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री चेतन कश्यप ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बेहद संजीदा है. कालिदास समारोह के आयोजन की महत्ता को वह समझते हैं, देश और दुनिया को महाकवि कालिदास ने जो ज्ञान दिया है वह अकल्पनीय है. नई पीढ़ी को महाकवि कालिदास से ज्ञान लेना चाहिए. उनके रचित काव्य को पढ़ना चाहिए. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कालिदास समारोह के समापन अवसर पर तुम्हें जाना है इसलिए मैं यहां पर आया हूं.

उच्च शिक्षा मंत्री बोले 1 से 9 तक का भी ज्ञान दिया
कालिदास समारोह के समापन अवसर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने धारा प्रवाह देश की संस्कृति इतिहास पर उद्बोधन देते हुए कहा कि भारत ने तो लाखों साल पहले कई गुरुकुल खोल दिए. कई शैक्षणिक संस्थाएं खोल दी. भारत को दोयम दर्जे का इतिहासकारों ने समय-समय पर बताया. हमारे पूर्वजों को निरक्षर बताया, जबकि पूरी दुनिया जानती है कि हमारे शास्त्रों में जो धार्मिक उल्लेख है उसे कोई झुठला नहीं सकता, लेकिन अंग्रेज द्वारा पोषित इतिहासकारों ने हमारे बारे में गलत प्रचारित किया है. अब हम कालिदास समारोह जैसे आयोजनों से कुछ प्रमुख शैक्षणिक सामग्री निकालेंगे. अध्ययन करेंगे और नया इतिहास बनाएंगे. मध्य प्रदेश सरकार के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाएंगे. भारत में सिर्फ जीरो ही नहीं बल्कि एक से नौ तक की गिनती भी सिखाई, वरना दुनिया 20 लाख के आगे लिख नहीं सकती थी.

वास्कोडिगामा को बताया मेंढक
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार यहीं नहीं रुके उन्होंने भारत की संस्कृति इतिहास को सबसे वजनदार बताते हुए कहा कि कई लोगों ने प्रचारित किया और हमें यह भी पढ़ाया गया कि भारत की खोज किसी वास्कोडिगामा ने की है लेकिन यह झूठ हैॉ. वास्कोडिगामा के ऊपर एक कहानी सुनाते हुए उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि वह तो मेंढक के समान था, जिस कुएं में से निकाल कर जब जमीन पर छोड़ा गया तो उसने चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेने जमीन खोज निकाली है ऐसा कुछ नहीं है भारत का इतिहास लाखों साल पुराना है

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