मेट्रो बसों से लगाते हैँ रेस
जबलपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के मुख्य गेट पर ऑटो चालकों की मनमानी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। नगर की सड़कों से लेकर चौराहों तक ऑटो व ई- रिक्शों का आतंक जारी है। मेडिकल अस्पताल ही नहीं शहर का तीन पत्ती चौक, ब्लूम चौक से मॉडल रोड, शास्त्री ब्रिज से मदन महल और पुराने बस स्टैंड से तीन पत्ती जैसी सड़के इनके गिरफ्त में है और यहां रोज माहौल अराजक हो रहा है। आड़े तिरछे खड़े यह ऑटो रिक्शे सड़कों पर जाम की समस्या बढ़ा देते है। वही बार करे अगर मेडिकल अस्पताल के मुख्य गेट की तो यहां आलम यह है कि मरीजो को लेकर आने वाली एंबुलेंस भी आपातकालीन कक्ष तक पहुंचने में विफल साबित हो रही है। इन ऑटो रिक्शॉ के खड़े होने की कोई जगह निश्चित नहीं है और ना ही कोई रूट निर्धारित है। जिसके चलते शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है।
ऑटो स्टैंड ज्यादा
बड़ी संख्या में खड़े होते ऑटो और रिक्शे के कारण अब सरकारी मेडिकल अस्पताल कम और ऑटो स्टैंड ज्यादा प्रतीत हो रहा है। और इनमें से ज्यादातर ऑटो को चलाने वाले चालक अपनी ड्रेस कोड का भी पालन नहीं करते है। शहर की सड़कों पर सैकड़ो ऑटो व ई-रिक्शा रफ्तार भरते हैं। इन चालकों का कोई निश्चित नियम नहीं है। सवारियों के हाथ देने पर चालक अचानक से ब्रेक लगा देते हैं। जिससे कई बार पीछे के वाहन टकरा जाते हैं और दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
इनका कहना है
ऑटो एवं रिक्शों को मेडिकल गेट के सामने से अलग करवाया जाएगा और इन ऑटो चालकों का पार्टिकुलर रूट भी तय किया जाएगा।
प्रदीप शिंदे, एएसपी, यातायात पुलिस