ग्वालियर: गोले के मंदिर के सामने मार्क और एस्कॉर्ट हॉस्पीटल के लिये दी गयी जमीन पर अस्पताल नहीं जाने के बाद अब यह मौका आरोग्यधाम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बनाने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है। इसका निर्माण पिछले 38 सालों से अस्पताल के लिये आरक्षित जमीन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंद्ध संस्था तराणेकर स्मृति सेवा न्यास करवायेगी। यह अस्पताल का विस्तार होगा। आरोग्यधाम प्रबंधन ने कुछ समय पूर्व राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा था।
जिसे प्रदेश की मोहन सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब आरोग्यधाम प्रबंधन की विभागीय प्रक्रिया पूरी करनी है। प्रारंभिक तौर पर यहां 200 बिस्तर का अस्पताल तैया होगा और बाद में धीरे-धीरे इसकी बेड क्षमता बढ़ाई जायेगी।संघ ने आरोग्यधाम हॉस्पिटल की शुरूआत तराणेकर स्मृति सेवा न्यास के तहत 2011 में एजी ऑफिस पुल के पास की थी। यहां अभी 200 बिस्तर का अस्पताल संचालित हो रहा है। साल 2025 मे ंसंघ का शताब्दी वर्ष होने की वजह संघ इस वर्ष में सेवा कार्यो के विस्तार पर जोर दे रहा है। ग्वालियर कलेक्टर रूचिका चौहान ने बताया है कि आरोग्यधाम के प्रस्ताव को शासन से स्वीकृति मिल चुकी है।
तीन राज्यों का होगा फायदा
इस अस्पताल के बनने के पर सिर्फ ग्वालियर और अंचल के दूसरे जिलों को ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों के लोगों को भी बेहतर उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
मार्क हॉस्पिटल
मालनपुर में टीवी कलपुर्जे बनाने वाले हॉटलाईन इंडस्ट्रीज ग्रुप ने इस जमीन पर मार्क अस्पताल के नाम से अस्पताल बनाने का जिम्मा लिया था। जमीन के कुछ हिस्से पर स्ट्रक्चर भी खड़ा कर दिया गया। लेकिन ग्रुप के घाटे में जाने पर यह बन्द हो गया।
एस्कॉर्ट हॉस्पिटल
देश के हॉस्पिटल चेन ग्रुप एस्कॉर्ट के साथ 2002 में बातचीत शुरू हुई। लेकिन भाजपा सरकार ने ग्रुपन के साथ एमओयू में दिलचस्पी नहीं ली। इसके विपरीत सरकार विभागों को जमीन का आवंटन शुरू कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने आवंटन निरस्त कर दिया।
इंदिरा गांधी अस्पताल
केन्द्र में मंत्री रहते माधवराव सिंधिया ने 1986 में गोला का मंदिर के नजदीक जमीन का आवंटन कराया था। 10 जून 1989 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से इंदिरा गांधी चिकित्सालय के लिये शिलान्यास कराया। सऊदी अरब के सहयोग से तैयार होना था। इस अस्पताल का निर्माण कुवैत व इराक युद्ध की वजह से अटक गया।