नवभारत
बागली। आगामी दिनों में देवउठनी ग्यारस तिथि से हिंदू सनातनी समाज में शादी विवाह लगन कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे कुछ तिथियां पर बड़ी मात्रा में विवाह सम्मेलन आयोजित होते हैं जिसमें देवउठनी ग्यारस तिथि भी शामिल है। इन विवाह समारोह में किसी भी स्थान पर बाल विवाह जेसे मामले नहीं हो पाए इसके लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत महिला बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अगली जनपद सभागृह में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में इस विषय पर जागरूक करने की परिचर्चा की गई कार्यक्रम बागली घाट परियोजना एवं आदिवासी परियोजना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया इस दौरान उदय नगर हाटपिपलिया एवं बागली तहसील के जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे पूर्व जनपद अध्यक्ष एवं वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष रामेश्वर गुर्जर ने कहा कि यह पहल बहुत अच्छी है लोगों को जागरूक करना होगा कार्यक्रम में बागली घाट परि योजना के प्रभारी अधिकारी बागली तहसीलदार गौरव निरंकारी एवं बागली आदिवासी परियोजना की प्रभारी नायब तहसीलदार पीहु कुरील विशेष रूप से उपस्थित रही। उक्त जानकारी घाट परि योजना सुपर वाइजर उषा पंडीया ने देते हुए बताया की समय से पहले जागरूक करना आवश्यक है यदि कोई माता-पिता नाबालिक वर वधू का विवाह संबंध करते हैं तो वहां कानूनी अपराध है। नियम अनुसार लड़कियों की उम्र 18 वर्ष एवं लड़कों की उम्र 21 वर्ष तय की गई है ।इससे कम उम्र में शादी करना अपराध की श्रेणी में आता है। बागली जनपद सभा ग्राम में आयोजित कार्यशाला में अनीता दुबे प्रीतेश गुर्जर, मीना कराडिया श्वेता सोलंकी राजु सोलंकी, लक्ष्मी जमाले, मीना भाटी, मंगल वर्मा, राधा भीलवारे सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत से जुड़े सरपंच तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।