नवभारत न्यूज
रीवा, 7 नवम्बर, नियम और संयम से सूर्य आराधना के पूजन के चार दिनी छठ पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को हजारों व्रतधारियों ने अस्त होते प्रत्यक्ष देवता सूर्य को नदी में बहते निर्मल जल खड़े होकर नमन किया. शहर के बाबा घाट में कमर तक पानी में खड़े होकर अर्घ्य दिया गया और छठ मैया का पूजन किया गया. आयोजन स्थल पर रातभर पूजन का उल्लास नजर आया. वेदी बनाकर पूजन किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम और आतिशबाजी भी हुई. पारंपरिक लोकगीत गूंजे, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन होगा.घाट पर शाम 4 बजे से ही लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था. भोजपुरी सांस्कृतिक उत्सव समिति अध्यक्ष नन्दजी तिवारी, सुरेश राय, अजय तिवारी, एड मार्कण्डेय सिंह तथा हिंदू उत्सव समिति धर्म परिवार के पदाधिकारियों ने बताया पूर्वांचल वासियों ने पूरे उत्साह के साथ महापर्व छठ की पूजा आराधना कर भगवान सूर्य देव से परिवार व समाज के खुशी व कल्याण की कामना की तथा रात भर छठ मैया की गीत गाकर जागरण किया.
शुक्रवार को संपन्न होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत
चार दिनी छठ पर्व का समापन शुक्रवार को सुबह 6.42 बजे के बाद होगा. उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होगा. निर्जला व्रत की शुरुआत शनिवार को खरना के बाद हुई थी. अर्घ्य के दौरान नारियल, मौसमी फल, अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप, थाली, लौटा अन्य सामग्री लेकर आए थे. इस मौके पर महिलाओं ने वेदी पर पूजा भी की.