खलिहान में कुंडली मारकर बैठा था 15 फीट लंबा अजगर

वन विभाग ने काबू कर छोड़ा सुरक्षित स्थान पर

 

शाजापुर, 19 अक्टूबर. जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर ग्राम निपानिया करजू में उस समय हडक़ंप मच गया जब खलिहान में चरी काटने पहुंचे ग्रामीणों की नजर वहां कुंडली मारकर बैठे अजगर पर पड़ी. जैसे ही यह खबर गांव में फैली वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई. हालांकि लोगों ने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और वन विभाग को सूचना दीए जिनके आने तक ग्रामीण उसे घेरे खड़े रहे. इसके बाद वन विभाग के अमले ने उसे सुरक्षित निर्जन स्थान पर छोड़ दिया.

घटना शनिवार सुबह करीब 10 बजे की है जब वहां के रहने वाले अवधेश अंबावतिया के खलिहान में कुछ ग्रामीण चरी काटने के लिए पहुंचे थे. वे चरी काट ही रहे थे कि उन्हें वहां कुछ हलचल दिखाई दी. जब कुछ लोग उसके पास पहुंचे तो उनकी नजर वहां बैठे अजगर पर पड़ी. इसके बाद वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई. इसके बाद लोगों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी. जिस पर वन विभाग ने ग्रामीणों से कहा कि जब तक वे वहां पहुंचे उस पर नजर रखे और ध्यान रहे कि उसे किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचाए. इस पर ग्रामीणों ने वहां घेरा बना लिया ताकि अजगर वहां से कहीं जा नही सके. कुछ देर बाद रेंजर तनय कुलश्रेष्ठ के निर्देशन में डिप्टी रेंजर अशोकसिंह बघेल, वन रक्षक धीरज माली, वन रक्षक सीताराम तिवारी, रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल, आनंद भावसार, विनोद जामलिया मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू किया. जिन्होंने उसे जंगल में निर्जन सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया. वहीं रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल ने ग्रामीणों को इस अजगर और अन्य जहरीले जीव जंतु जैसे गोयरा, सांप आदि के बारे में जानकारी देकर उनकी जिज्ञासाओं व गलत फहमियों को दूर किया.

ग्रामीणों ने की अजगर की सुरक्षा…

अमूमन देखने में आता है कि किसी अनोखे जीव को देखते ही लोग या तो उसे परेशान करने लगते हैं या कई बार अंजाने में जीव की जान चली जाती है. लेकिन वन विभाग के अमले से जब ग्रामीणों ने संपर्क किया और वन विभाग ने उसकी सुरक्षा करने की अपील ग्रामीणों से की तो ग्रामीणों ने वहां अजगर की सुरक्षा के लिए घेरा बना लिया ताकि वह यहां से कहीं जा न सके. वहीं ग्रामीणों ने इसका पूरा ध्यान रखा कि उसे कोई किसी तरह से परेशान न करे. जब वन विभाग की टीम गांव पहुंची तो उन्हें अजगर सुरक्षित मिला. इस पर डिप्टी रेंजर अशोकसिंह बघेल ने अजगर की सुरक्षा व मदद के लिए ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के जीव कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं. जिनकी सुरक्षा करना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि उसे किसी तरह का नुकसान न हो.

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