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खंडवा। कार्तिक मास के पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ लाभकारी माना गया है। इस बार दो दिन तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग साहित साध्ययोग रहेगा। इस दिन खरीददारी से पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।
माँ शीतला संस्कृत पाठशाला के आचार्य अंकित मार्कण्डेय ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरुवार, 24 अक्टूबर और शुक्रवार 25 अक्टूबर को गुरु पुष्य का महासंयोग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इस दिन का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है।
हर काम होगा सिद्ध
इस दिन सभी प्रकार के कार्य को सिद्ध माना जाता है। पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का विशेष मुहूर्त रहता। पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्र के समूह में नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और उप स्वामी बृहस्पति है।
क्या खरीददारी करें
सोने-चांदी के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, चांदी की मूर्तियां,दोपहिया वाहन, चार पहिया वाहन, वस्त्र, जमीन, प्लॉट, मकान,आदि क्षेत्र में लोग निवेश करते हैं। आपने कोई कार्य योजना बना रखी है, तो इस योजना का शुभारंभ इस दिन कर सकते हंै।
पुष्य का अर्थ पोषण करने वाला
पुष्य शब्द का अर्थ है पोषण करना या पोषण करने वाला। पुष्य ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र है। इस शब्द के ही अनुसार ये नक्षत्र सौभाग्य, समृद्धि और सुख के साथ पोषण करने वाला माना गया है। धन तेरस 29 अक्टूबर को दीपावली 31 अक्टूबर मनाई जाएगी। पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर सुबह 6.15 से प्रारम्भ होकर 25 अक्टूबर सुबह 7.40 को समाप्त हो जाएगा।