सावधान! बटन दबातेे ही गंवा देंगे जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई

साइबर फ्रॉड: ठगी का नया पैंतरा, आपके नाम का पार्सल आया है
जबलपुर: जैसे जैसे डिजिटलाइलेशन का दौर आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे साइबर अपराध भी बढ़ रहे है और साइबर फ्रॉड की गुत्थी सुलझाना भी पुलिस के लिए चुनौती बनता जा है। अब साइबर ठग झांसा देकर ओटीपी के जरिए बैंक अकाउंट खाली करने तक सीमित नहीं रहे है बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने भी अपने पैंतरे बदल रहे है और नए-नए पैंतरे आंजमा कर साइबर ठगी की वारदातें कर रहे है और हर दिन  साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ता रहा है। शातिर ठग अब ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर भी लोगों को जाल में फंसा साइबर फ्रॉड कर रहे हैं।

ठगों ने  एक नया पैंतरा भी निकाला जो ऑनलाइन पार्सल से जुड़ा हुआ है। भोले-भालों के साथ पढ़े-लिखे लोग भी उनके चंगुल में फंसकर अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। ठग अब लोगों को कॉल कर रहे है और बोल रहे है कि आपके नाम से पार्सल आया है पता ढूंढने में परेशानी हो रहे है पार्सल को प्राप्त करने के लिए   कॉल धारक द्वार  बताये अनुसार नंबर दबाने के लिए बोला जाता है जैसे ही आपने ठग के बताये हुए नंबर का बटन दबाया वैसे ही अपको ठगने का खेल शुरू हो जाता है। इसके बाद आपके खाते से रकम भी उड़ा ली जाती हैं। इसके अलावा विदेश से पार्सल आने और पार्सल में संदिग्ध वस्तु होने का झांसा देकर भी ठगी की जा रही है।
पार्सल में ड्रग्स का डर दिखाकर भी ठगी
विदेश से पार्सल आने और पार्सल में संदिग्ध वस्तु सोना, ड्रग्स समेत अन्य वस्तुएं होने का झांसा देकर भी ठगा जा जा रहा है। ठग खुद को अधिकारी बताकर फोन करते है और रकम ट्रांसफर करने के लिए दबाव बनाते है और रकम देने पर एफआईआर दर्ज करने की धमकी भी देते हैं।
 कमाई का लालच देकर भी बना रहे शिकार
शेयर मार्केट के नाम भी ठग लोगों को शिकार बना रहे है रोजाना ऐसे मामले थानों की चौखट तक भी पहुंच रहे है। दो दिन पहले ही एक ताजा मामला प्रकाश में आया था। शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर कमाई का लालच देकर सायबर ठग ने नेपियर टाउन निवासी गिरीश कुमार शर्मा 68 वर्ष निवासी सुखसागर सोलिटियर नेपियर टाउन को करीब दो करोड़ 93 लाख रूपए का चूना लगा था जिस पर जालसाज के खिलाफ दो दिन पहले ही ओमती थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
 टेलीग्राम में टास्क के नाम भी चपत
टेलीग्राम एप में भी साइबर ठगों ने जाल बिछा रखा है।  आपको टेलीग्राम ऐप पर एक रिसेपस्निस्ट से जोड़ा जाता है, यहां टास्क के तौर पर कुछ गूगल रिव्यू कराये जाते हैं और टास्क पूरा होने पर उसका स्क्रीन शॉट शेयर करना होता है ऐसा करते ही आपके बताये बैंक अकाउंट में उस टास्क की राशि के रूप में 100 या 150 रुपए भी भेज दिये जाते हैं। इसके बाद बड़ा खेल शुरू होता है और आपको करोड़ों की चपत लगा दी जाती है।
 ऐसे ठगी से बचें
किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या ईमेल पर तुरंत विश्वास न करें।   आप खुद पोस्ट या पार्सल भेजने वाले रिश्तेदार या परिचित से पार्सल के बारे में चैक कर सकते हैं।  किसी भी मैसेज में दिए गए अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अनजान लिंक या साइट पर  क्लिक न करें। अनावश्यक एवं अनजान साफ्टवेयर, एप, ऑनलाइन गेम इंस्टाल न करे।
इनका कहना है
साइबर ठग नए-नए तरीके से क्राइम कर रहे है। जब भी ऐसी कोई शिकायतें आते है तो पुलिस अपनी कार्रवाई करती है। लोगों से भी अपील है कि वह सावधान रहे, अनजान लोगों की बातों मेें न आयें और ऐसे लोगों पर विश्वास न करें।
समर वर्मा, एएसपी, क्राइम

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