भोपाल, 20 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश विधानसभा में आज नल-जल योजना के कारण गांव-गांव में सड़कें खोद दिए जाने के मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने सरकार को घेरा, जिस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपत्तिया उइके ने कहा कि लगभग 250 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया है और सरकार इस मामले में जांच का निर्णय लेगी।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक विजयपाल सिंह की ओर से पार्टी विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने ये मामला उठाया। उन्होंने कहा कि ये सरकार की सबसे अहम योजनाओं में से एक है, लेकिन इसमें ठेकेदार बहुत लापरवाह हैं और गांव गांव में सड़कें नियमविरुद्ध जेसीबी मशीन से खोद कर वैसे ही छोड़ दी गई हैं। उन्होंने मंत्री से मांग की कि ठेकेदार को सड़कें दुरुस्त करने के निर्देश दिए जाएं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि इसके पहले के सत्र में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि राज्य के सभी लगभग 52 हजार गांवों में यही स्थिति है। जलजीवन मिशन में काम होने के बाद रीस्टोरेशन का काम नहीं हो रहा है। उन्होंने सदन के सदस्यों की एक समिति बना कर इसकी जांच कराने और एक निष्पक्ष ऑडिट कराने की मांग की।
भाजपा के एक और विधायक योगेश पंडाग्रे ने कहा कि गांवों में ठेकेदार और पंचायत के बीच तालमेल नहीं हैं और कई गांवों में इसके चलते ये योजना पूरी नहीं हो पा रही है।
सभी के जवाब में मंत्री सुश्री उइके ने बताया कि विभाग के आंकलन के अनुसार अभी लगभग 12 हजार 90 किलोमीटर सड़कें बननी शेष हैं। इस मामले में जांच का निर्णय लिया जाएगा। विभाग ने 249 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधायकों को ‘फ्रीहैंड’ होता है, वे अपने क्षेत्र में कहीं भी जाकर जांच कर सकते हैं।