– 50 साल पुरानी इमारत, मरम्मत की ओर रेलवे प्रबंधन ने नहीं दिया ध्यान.
नवभारत प्रतिनिधि
भोपाल, 8 अगस्त. गुना जिले में धनिए की मंडी कहलाने वाले कुंभराज का रेलवे स्टेशन का जर्जर भवन बारिश की चपेट में आने से अचानक गुरुवार की अलसुबह ढह गया. इस दौरान इस दुर्घटना के समय कई यात्री स्टेशन पर मौजूद थे, जो बाल-बाल बच गए. मौके पर रेलवे स्टॉफ ने बेरीकेंटस लगाकर यात्रियों को भवन में जाने से रोक दिया.
मिली जानकारी के अनुसार कुंभराज रेलवे स्टेशन की इमारत पश्चिम मध्य रेलवे की लगभग 50 से 60 साल पुरानी है. पिछले चार- पांच साल से इस इमारत में कई क्रैक पड़ चुके थे. स्थानीय निवासयिों ने बताया कि रेलवे के स्थानीय अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके, पर रेलवे प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया. इमारत की मरम्मत भी नहीं कराई.
आधा दर्जन ट्रेनों का स्टॉपेज
बीना- कोटा रेलखंड पर स्थित इस स्टेशन पर करीबन आधा दर्जन ट्रेनों का स्टापेज है. यहां साबरमती एक्सप्रेस, कोटा-इंदौर, नागदा-बीना जैसी कई ट्रेनें रूकती है. प्रतिदिन लगभग 400- 500 यात्री विभिन्न स्टेशनों के लिए यहां से सफर करते हैं. गुरुवार को जैसे ही सुबह 5 बजे स्टेशन का भवन का एक हिस्सा ठहा, तब भवन के अंदर 4-5 यात्री और रेलवे का 2-3 स्टॉफ ही था. जोकि हादसे होता देख अपनी जान बचाकर बाहर भागे. वही स्टेशन के प्लेटफार्म पर केवल चुनिंदे यात्री थे, जोकि गंतव्य के लिए सफर करने ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. भवन का एक हिस्सा ढहने से कोई जनहानि नहीं हुई. घटना दिवस गुरुवार को भी आधा दर्जन से ज्यादा यात्री सुबह आने वाली नागदा-बीना ट्रेन और साबरमती से यात्रा करने के लिए पहले ही पहुंच गए थे. अचानक बिल्डिंग के धराशायी होते देख वे किसी तरह भागने में सफल हो सके.
बॉक्स – मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारी
पश्चिम मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी नवल अग्रवाल ने बताया कि अल सुबह हुई इस घटना में किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है. घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और इंजीनियर मौके पर पहुंचे और भवन को चारों ओर से बेरीकेट्स कर यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध कर दिया. निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने नुकसान का जायजा लेकर वरिष्ठ कार्यालय को सूचित किया गया है. बीना- कोटा रेलखंड पर कुंभराज रेलवे स्टेशन आसपास के ग्रामीणों के लिए बड़ा महत्वपूर्ण स्टेशन है.