शरद पूर्णिमा की रात सिद्धेश्वर कॉलोनी में हुआ चमत्कार

खुदाई में निकली मातारानी की प्रतिमा, भक्तों का हो रहा जमावडा

झाबुआ। शहर के सिद्धेश्वर कॉलोनी में शारदेय नवरात्रि में हिन्दू रक्षा दल एवं सिद्धेश्वर नवदुर्गा उत्सव समिति द्वारा गरबों का आयोजन करने के बाद 16 अक्टूबर की रात शरद पूर्णिमा पर भी गरबा रास रखा गया। गरबा आयोजन के बाद रात 12 बजे महादुर्गाजी की आरती के दौरान जमीन में से माता की करीब डेढ़ फिट की लाल पत्थर की मूर्ति निकली। जिसका समिति सदस्यों ने विभिन्न द्रव्यों से शुद्धिकरण किया। समिति के अनुसार उक्त मूर्ति की चबूतरा बनाकर स्थापना की जाएगी।

बालिका स्थान बता कर अदृश्य हो गई

हिन्दू रक्षा दल से जुड़े वैभवसिंह जादौन एवं सिद्धेश्वर नवदुर्गा उत्सव समिति के सौरभ सोनी ने बताया की शरद पूर्णिमा पर रात 9 बजे से गरबों का आयोजन सिद्धेश्वर कॉलोनी के मैदान पर किया गया। इसी बीच रात साढ़े 11.30 बजे गरबों के बीच ही अचानक से एक बालिका पहुंची। बालिका ने गरबे खेलने के बाद जब आयोजन समिति द्वारा रात 12 बजे माताजी की आरती की जा रही थी, तभी उक्त बालिका द्वारा माता की आरती अपने हाथों से की और समिति सदस्यों को बताया की वह महादुर्गा की तस्वीर की आरती क्यो कर रहे है, जबकि उक्त स्थान पर साक्षात महादुर्गा विराजमान है। जिसके बाद बालिका एक स्थान पर जाकर जमीन पर बैठ गई और कहा कि इस स्थान की खुदाई की जाए, तो यहां से माता की मूर्ति निकलेगी। यह कहकर बालिका कुछ पल में ही गरबा पांडाल से अदृश्य हो गई, जब समितिे सदस्यों ने उक्त स्थान की खुदाई की तो वहां से महादुर्गा की लाल पत्थर की करीब डेढ़़ फिट की मूर्ति निकली। मूर्ति के पास लाल चुनरी, गुलाब और मोगरा के फूल भी रखे हुए थे। जैसे ही इस बात की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, सैकड़ो की संख्या मे भक्तजन मातारानी के दर्शन के लिए पहुंचने लगे, रात से ही भक्तो का दर्शन का क्रम दिन भर चलता रहा। भक्त फूलमाला, दीपक, मिठाई लेकर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भक्त खुदाई में निकली माताजी की प्रतिमा के दर्शन कर मन्नते मांगने का दौर भी प्रारंभ हो चुका है।

रहवासी मान रहे इसे माता का चमत्कार

मातारानी की मूर्ति को निकालकर समिति सदस्यों एवं उपस्थित समस्त श्रद्धालुओं ने दर्शन करने के बाद जल, दूध, चंदन, पंचामृत आदि से शुद्धिकरण किया। समिति सदस्यों एवं सिद्धेश्वर कॉलोनी के रहवासी इसे माता का चमत्कार मान रहे है। वहीं समिति सदस्यों ने बताया की उक्त बालिका जो गरबा पांडाल पहुंची, वह कॉलोनी की रहवासी ना होकर साक्षात माता ही बालिका के रूप में प्रकट होकर गरबा पांडाल पहुंची और जमीन में से उनकी मूर्ति निकालने का संकेत देकर अदृश्य हो गई। मूर्ति के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की रात को भीड़ भी रहीं। हिन्दू रक्षा दल के वैभवसिंह एवं सिद्धेश्वर नवदुर्गा उत्सव समिति के सौरभ ने कहा की इस मूर्ति को जहां खुदाई से निकाली गई है, वहां चबूतरा बनाकर स्थापना की जाएगी। भविष्य में मंदिर बनाकर महादुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा करने की भी योजना है।

17 झाबुआ-1- प्रतिमा का विभिन्न द्रव्यों से किया शुद्धिकरण

17 झाबुआ-2- मूर्ति के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की रात भर रही भीड़

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