प्रौद्योगिकी के कारण संसद की जानकारियां जन-जन तक पहुंचीः बिरला

जिनेवा/नयी दिल्ली, 17 अक्तूबर (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि प्रौद्योगिकी ने सांसदों के लिए अपनी पसंद की भाषा में विचार व्यक्त करना संभव बनाया है, जिससे संसद की जानकारियां जन-जन तक पहुंची है और विश्व समुदाय ने भारत की हरित, तकनीक-संचालित और कागज रहित भारतीय संसद की सराहना की है ।

अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 149वीं एसेम्बली में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे श्री बिरला ने गुरुवार को रिकॉर्ड के रखरखाव, संसद में हुई चर्चा और भाषणों के साथ ही अन्य जानकारी लोगों को उपलब्ध कराने और संसद को लोगों के करीब लाने में प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धि् (एआई) के उपयोगिता का उल्लेख किया और कहा कि प्रौद्योगिकी ने सांसदों के लिए अपनी पसंद की भाषा में विचार व्यक्त करना संभव बनाया है और इसके कारण संसद की जानकारी जन-जन तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय ने भारत की हरित, तकनीक-संचालित और पेपरलेस संसद की सराहना की है ।

उन्होंने कहा कि संसदीय सहयोग के माध्यम से समावेशी विकास और शांति की स्थापना के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए आईपीयू उपयोगी मंच है और समुचित उपयोग किया जाना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों और अधिकारियों की क्षमता निर्माण के बारे में बात करते हुए कहा कि लगभग 100 से अधिक देशों के अध्यक्षों और सांसदों ने संसदीय प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख वैश्विक संस्थान के रूप में प्राइड को स्वीकार किया है और उसकी सराहना की है। उन्होंने आगे कहा कि प्राइड ने निर्वाचित सदस्यों और संसद सचिवालयों के अधिकारियों को अनेक संसदीय विषयों पर प्रशिक्षण दिया है।

श्री बिरला ने आज नेपाल, मालदीव, आर्मेनिया, थाईलैंड, ओमान, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, शेशेल्स, आईपीयू अध्यक्ष, अल्जीरिया, जिम्बाब्वे, भूटान, संयुक्त अरब अमीरात की संसदों के पीठासीन अधिकारियों और प्रतिनिधियों से मुलाकात की और इन्हें प्रौद्योगिकी के उपयोग से डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, डीबीटी योजना आदि जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए भारत में समावेशी और सतत विकास की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

श्री बिरला ने संकल्प का प्रारूप तैयार करने में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों की सक्रिय भूमिका तथा भारत की समावेशी और तकनीक संचालित विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए स्थायी समितियों की बैठकों में उनकी भागीदारी की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की यह यात्रा विश्व मंच पर भारत की संसद का पक्ष प्रस्तुत करने के मामले में यादगार यात्रा होगी ।

उल्लेखनीय है कि लोक सभा अध्यक्ष ने बुधवार को अल्जीरिया की नेशनल पीपुल्स असेंबली के अध्यक्ष इब्राहिम बौघाली से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने भारत की राष्ट्रपति द्वारा हाल में की गई अल्जीरिया यात्रा का उल्लेख करते हुएकहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंध भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देशों ने शांति, लोकतंत्र और जनकल्याण को बढ़ावा देने के लिए सफलतापूर्वक काम किया है।

भारत और अल्जीरिया की संसदों के बीच नियमित संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए, लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का एक अनिवार्य पहलू है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। उन्होंने अल्जीरिया से भारत में अधिक से अधिक निवेश करने का आह्वान किया ताकि वे भारत में व्यापार करने की सुविधा का लाभ उठा सकें।

श्री बिरला ने अल्जीरिया के विधायकों और संसद के अधिकारियों को लोक सभा सचिवालय के प्राइड में आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

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