मुर्दा कभी झूठ नहीं बोलता : डॉ. सप्तपति

*माधव विधि महाविद्याल में 30 दिवसीय सर्टिफ़िकेट कोर्स*

ग्वालियर। मुर्दा कभी झूठ नहीं बोलता है। यह बात माधव विधि महाविद्याल द्वारा आयोजित 30 दिवसीय सर्टिफ़िकेट कोर्स की श्रृंखला में मुख्य वक्ता के तौर पर भोपाल से आए मेडिको लीगल डायरेक्टर डॉ. दिव्य किशोर सप्तपती ने रोल ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस इन क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन विषय पर उद्बोधन देते हुए कही।

डॉ सप्तपती ने बताया कि एक बार को ज़ीवित व्यक्ति झूठ बोल सकता है परंतु मुर्दा कभी झूठ नहीं बोलता। हर एक घटना स्थल, उस घटना स्थल पर क्या घटित हुआ उसका विस्तृत व्योरा देता है। बस एक्सपर्ट के पास उसे सुनने वाले कान और उसे देखने वाली नज़रें होनी चाहिए। अगर एक्सपर्ट चौकस और चौकन्ना होकर क्राइम सीन पर इन्वेस्टिगेशन करके फिजिकल एविडेंस कलेक्ट करते हैं तो निश्चित रूप से मुर्दे को न्याय प्राप्त हो सकता है तथा संबंधित सभी पीड़ितों को न्याय प्राप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब दो चीज़ें एक दूसरे के संपर्क में आती है तो एक दूसरे पर अपना प्रभाव छोड़ती है। उस छूटे हुए प्रभाव से ही चीज़ों को सॉल्व किया जा सकता है क्योंकि ऐसी कोई घटना नहीं होती जिसमें अपराधी घटना स्थल पर कोई निशान न छोड़े।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हर एक घटना स्थल चिल्ला चिल्लाकर बताता है कि वहाँ पर वास्तव में क्या हुआ। डॉक्टर सप्तपती ने आसान तरीक़े से विद्यार्थियों को अपनी बात समझाने के लिए 50 से भी अधिक केस स्टडीज़ को बच्चों के साथ साझा किया जिसमें मर्डर के कई मामले, बलात्कार के कई मामले , आत्महत्या के कई मामले, पानी में डूबने से हुई मौतों के कई मामले तथा धारदार हथियारों के अलग अलग कई प्रकार के मामलों को साझा किया। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक एक प्रूवन साइंस है और कन्क्लूजन के साथ निष्कर्ष देता है इसी लिए फॉरेंसिक एविडेंस पर विश्वास किया जाना चाहिए । उन्होंने बताया कि पुराने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की यह दुर्भाग्यता थी कि उसमें सरकमटांसेस एविडेंस को तो इम्पोर्टेंस दी जाती थी किंतु साइंटिफिक एविडेंस को उतनी इम्पोर्टेंस नहीं दी जाती थी। वर्तमान नव आपराधिक संहिताएं जैसे

भारतीय न्याय संहिता 2023

भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता 2023

भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023

जो पास किया गया और भारतीयों पर लागू किया गया उसमें साइंटिफिक एविडेंस को अति महत्वता दी गई है।

आयोजन में महाविद्यालय के 200 से भी अधिक छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे। इस सत्र में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने भी जिज्ञासु होकर डॉक्टर सप्तपती से कई सवाल किए तथा उन्होंने भी विद्यार्थियों के प्रत्येक सवाल का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा शांत की। महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने जब सप्तपती से पुनाः महाविद्यालय में लेक्चर लेने के लिए आग्रह किया तथा उन्होने भी उसे सहज स्वीकार किया। इस कार्यक्रम का संयोजन है महाविद्यालय की प्राचार्य एवं 30 दिवसीय सर्टिफ़िकेट कोर्स की संयोजिका डॉक्टर नीति पांडे द्वारा किया गया ।

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