सियासत
पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता 2008 से ही इंदौर क्षेत्र क्रमांक 1 में विशाल चुनरी यात्रा का आयोजन करते रहे हैं. इस बार यह आयोजन स्थगित रखा गया है. सुदर्शन गुप्ता की सफाई यह है कि सदस्यता अभियान का प्रभारी होने की वजह से उन्होंने चुनरी यात्रा की बजाय संगठन के काम को तवज्जो दी है. जबकि सूत्र बता रहे हैं कि हकीकत यह है कि वो चुनरी यात्रा निकालकर कैलाश विजयवर्गीय को नाराज नहीं करना चाहते, जिनके मंत्रालय में इंदौर विकास प्राधिकरण आता है. सुदर्शन इन दिनों सारी जोड़ तोड़ इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए कर रहे हैं. इस पद पर आने के लिए उन्हें कैलाश विजयवर्गीय का ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ जरूरी है. दरअसल, इंदौर में नवदुर्गा उत्सव मनाने में नेता गण बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. कुछ सालों से ऐसे नेताओं में भाजपा के साथ कांग्रेस के नेता भी काफी होते थे.
इंदौर में कांग्रेसी पिछले कुछ वर्षों से बढ़-चढ़कर गरबा करवाते थे. इनमें जीतू पटवारी जैसे नेता आगे थे. इस बार जीतू पटवारी के गरबा मंडल लक्ष्य की चमक फीकी है. सत्यनारायण पटेल, पिंटू जोशी, अश्विन जोशी जैसे नेता भी इन दिनों नवदुर्गा उत्सव के आयोजनों से दूर हैं. दूसरी तरफ कई नए भाजपा नेताओं ने नवदुर्गा उत्सव के पंडाल लगाए हैं. इनमें भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा भी हैं, जिन्होंने दशहरा मैदान के पास भव्य गरबे का आयोजन किया है. एक समय प्रदेश में सबसे चर्चित गरबा पंडाल स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह गौड़ का होता था.
उन्होंने हिंद रक्षक के बैनर तले सनातनी परंपरा के अनुसार गरबे प्रारंभ किए थे. इस बार भी हिंद रक्षक का आयोजन तो है लेकिन जो बात दादा के समय थी वो नहीं है. इसकी बजाय एकलव्य सिंह गौड़ इस बार शस्त्र पूजन का आयोजन बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. उनका हिंद रक्षक संगठन प्रत्येक वार्ड में तलवारें वितरित कर रहा है. इसके अलावा भी वार्ड स्तर पर अनेक भाजपा नेता गरबा उत्सव करवा रहे हैं. बहरहाल इंदौर में प्रत्येक स्तर के चुनावों में लगातार पराजय का असर कांग्रेसियों पर दिख रहा है? इस बार कांग्रेसियों के गरबा पांडाल कम लगे हैं.