पेटलावद के श्रद्धालुओं द्वारा बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ भद्रकाली और माँ चामुंडा को समर्पित चुनरी यात्रा निकाली गई। यह यात्रा रायपुरिया के साईं मंदिर और पेटलावद के नीलकंठ महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर गाँव के विभिन्न मार्गों से होती हुई माँ भद्रकाली के मंदिर तक पहुँची। चुनरी यात्रा का हर स्थान पर श्रद्धालुओं और भक्तों ने भव्य स्वागत किया, जहाँ फूलों की वर्षा और जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
मंदिर परिसर में पहुँचने पर पुजारी दशरथ भारती ने चुनरी यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा से अभिनंदन किया। इसके बाद माँ भद्रकाली की विशेष आरती संपन्न हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस अवसर पर प्रदेश और जिले की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की गई, ताकि माँ का आशीर्वाद समस्त जनता पर बना रहे।
यात्रा की शोभा बढ़ाने के लिए दो अश्व आगे चल रहे थे, जिन पर भगवा ध्वज लहरा रहा था। श्रद्धालु बैंड-बाजों की धुन पर झूमते हुए माता के भजन गा रहे थे, और पूरे रास्ते ‘जय माता दी’ के नारों से गूँजता रहा। खुली जीप में माँ भद्रकाली की भव्य तस्वीर रखी गई, जिसे देख सभी भक्तजन श्रद्धा से नतमस्तक हो रहे थे।
यात्रा संयोजक पंडित नरेंद्र नंदन दवे ने बताया विगत 6 सालों से चुनरी यात्रा नगर में निकल जा रही यात्रा में विनोद पुरोहित ललित भंडारी ताराचंद राठौर पंकज दवे विट्ठल धानक नारायण राठौर कन्हैयालाल राठौर आदि लोगों का सहारा नहीं योगदान रहा
चुनरी यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया, जहाँ श्रद्धालुओं ने पूरी निष्ठा के साथ अपनी आस्था व्यक्त की। माँ भद्रकाली के प्रांगण में महाआरती के बाद प्रसादी वितरण हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने माँ के आशीर्वाद के साथ प्रसाद ग्रहण किया। पूरे क्षेत्र में माता की भक्ति की धारा बहती रही, और सभी ने भक्ति के इस पर्व में हिस्सा लेकर अपने जीवन को धन्य किया।